
जयपुर।राजस्थान हाईकोर्ट ने आवेदन में तथ्य संबंधी मामलों के सीधे उसके पास पहुंचने पर नाराजगी जाहिर की, वहीं भर्तियों के कार्य में तेजी लाने की मंशा जताते हुए कहा कि तथ्य संबंधी शिकायत के समाधान के लिए सरकारी स्तर पर प्रभावी व्यवस्था क्यों नहीं हो? कोर्ट ने इस बारे में सुझाव देने के लिए 22 नवम्बर को प्रमुख स्वास्थ्य सचिव और विधि सचिव को व्यक्तिश: या वीसी के जरिए हाजिर होने को कहा है।
न्यायाधीश समीर जैन ने कहा कि शिकायतों का सरकारी स्तर पर समाधान नहीं होने पर अभ्यर्थी को कोर्ट आना पड़ता है। न्यायाधीश जैन ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती से जुडे़ मामलों को लेकर दायर ज्योति मीना व अन्य की 45 याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान बुधवार को यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि याचिकाएं तथ्य आधारित हैं, इन पर एक साथ सुनवाई मुश्किल है। राज्य सरकार एक आयोग या कमेटी बनाए, ताकि अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिलने के कारणों का पता लग सके।
अनुभवप्रमाण पत्र निर्धारित प्रारूप में नहीं, कोविडकाल में काम करने का अनुभव प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा, कार्य का अनुभव रजिस्ट्रेशन होने से पहले का है।
दंत चिकित्साअधिकारी भर्ती परीक्षा में विवादित प्रश्न-उत्तर मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी कर ली। कोर्ट ने फैसला बाद में सुनाने को कहा है।
Published on:
21 Nov 2024 02:48 pm
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