
राज्य में 27,000 से अधिक सामाजिक सुरक्षा पेंशनरों को अब तक सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा शुरू की गई चेहरा पहचान प्रणाली (आरएजेएसएसएसपी ऐप) के माध्यम से सत्यापित किया जा चुका है। पेंशनभोगी जीवित है या नहीं, यह जांचने के लिए विभाग द्वारा वार्षिक सत्यापन किया जाता है। यह प्रक्रिया पहले बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से मैन्युअल रूप से की जाती थी। अब, विभाग के पोर्टल से जुड़ी आधार-आधारित चेहरा पहचान सेवा के साथ प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है।
विभाग के अनुसार, पेंशनभोगियों को अब केवल मोबाइल ऐप में अपना ईपीओ नंबर फीड करना होगा। इसके बाद कैमरे को चालू किया जाता है और जैसे ही कोई पेंशनभोगी अपना चेहरा उसके सामने रखता है, वह चेहरे को पहचान लेता है। इस तरह डेटाबेस स्वचालित रूप से पेंशनभोगी के सत्यापन को पूरा कर लेता है।
उपयोगकर्ता द्वारा एक सत्र में एकाधिक सत्यापन किए जा सकते हैं। तकनीक की समझ रखने वाला व्यक्ति बुजुर्ग व्यक्तियों और विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को अपना वार्षिक सत्यापन कराने में मदद कर सकता है। सामाजिक सुरक्षा पेंशनभोगियों को फेस रिकग्निशन सिस्टम प्रदान करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। इस सुविधा से करीब 94 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। RAJSSP ऐप सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली द्वारा लॉन्च किया गया था।
Published on:
10 Mar 2023 02:53 pm
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