
राजस्थान में 50 नए फूड एंड डेयरी क्लस्टर की जरूरत
अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से 50 नए फूड एंड डेयरी क्लस्टर बनाने की मांग की है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कृषि प्रसंस्करण उत्पादक इकाइयों की स्थापना होने से यहां क्वालिटी उत्पाद बनने में आसानी होगी और घरेलू बाजार में खपत के अलावा इसका निर्यात भी किया जा सकेगा। आरतिया के प्रतिनिधि कमल कंदोई का कहना है कि नए फूड एंड डेयरी क्लस्टर से प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। साथ ही, सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर की जाने वाली खरीद में जाने वाले कृषि उत्पादों का प्रवाह इन कृषि प्रसंस्करण इकाइयों मे होगा, जिससे सरकार पर आर्थिक दबाव भी घटेगा।
यह है प्रदेश में उत्पादन का गणित
राजस्थान क्षेत्रफल के लिहाज से देश में सबसे बड़ा प्रांत है। देश के कुल उत्पादन में राजस्थान से उत्पादित बाजरे का हिस्सा 42 प्रतिशत, सरसों का 45 प्रतिशत, पोषक अनाज का 17 प्रतिशत, तिलहन का 22 प्रतिशत, दलहन का 17 प्रतिशत, मूंगफली का 19 प्रतिशत, चने का 20 प्रतिशत, ज्वार का 13 प्रतिशत और ग्वार का 85 प्रतिशत है। 2015-16 के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 76.55 लाख किसान परिवार मोटे तौर पर 208 लाख हैक्टर जमीन में खेती करते हैं। इसी तरह प्रदेश में फलों का कुल उत्पादन वर्ष 2021-22 में 9.56 लाख टन, सब्जियों का 23.74 लाख टन, मसालों का 10.44 लाख टन, अनाज व दलहन का 254 लाख टन तथा तिलहन का 100 लाख टन के करीब हुआ था।
Published on:
31 May 2023 09:58 am
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