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पेपर लीक मामले में आया बड़ा अपडेट, SI भर्ती 2021 का सफल अभ्यर्थी गिरफ्तार, संदेह के घेरे में परीक्षा

नाथावत पेपर लीक गिरोह के सम्पर्क में था। उसने दो लाख रुपए देकर वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा से पहले ही मुख्य आरोपी शेर सिंह उर्फ अनिल मीना से पेपर लिया था। नाथावत की गिरफ्तारी के साथ ही उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा पर सवाल उठे हैं।

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जयपुर। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा मामले में एक और खुलासा हुआ है। एसओजी ने इस मामले में उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थी रेनवाल के रलावता निवासी अशोक सिंह नाथावत को गिरफ्तार किया है। जनवरी 2021 की लिखित परीक्षा पास करने के बाद नाथावत ने साक्षात्कार भी दिया था। उसकी 35वीं रैंक बनी थी, लेकिन वह दस्तावेज सत्यापन के लिए पुलिस मुख्यालय पहुंचा ही नहीं था।

दरअसल, उसकी भूमिका वरिष्ठ अध्यापक पेपर लीक में सामने आई थी। नाथावत पेपर लीक गिरोह के सम्पर्क में था। उसने दो लाख रुपए देकर वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा से पहले ही मुख्य आरोपी शेर सिंह उर्फ अनिल मीना से पेपर लिया था। नाथावत की गिरफ्तारी के साथ ही उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा पर सवाल उठे हैं।

इस परीक्षा में फरार आरोपी यूनिक भांभू के भाई के अलावा पूर्व में गिरफ्तार आरोपी राजेन्द्र यादव व आरोपी अध्यापक राजेन्द्र यादव के बेटे के भी सलेक्ट होने की सूचना है। ऐसे में एसओजी इन सभी तथ्यों की पुष्टि करने में जुटी है। इस भर्ती के सफल अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग आरपीए में चल रही है। सफल अभ्यर्थियों में से कई डमी कंडीडेट मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अब जो जानकारी सामने आई है उससे पूरी परीक्षा ही संदेह में दिख रही है।

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दो दिन पहले जेईएन भर्ती परीक्षा में पकड़ा गया जगदीश और अशोक अब एसओजी के रिमांड पर हैं। अशोक और भूपेन्द्र सारण 11 मार्च तक रिमांड पर हैं वहीं जगदीश पहले से ही रिमांड पर है। एसओजी इनसे पूछताछ करके पता लगा रही है कि इस गिरोह ने किस-किस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया है।



एसओजी अशोक नाथावत को वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा मामले में तलाश रही थी। इसी दौरान उसका उपनिरीक्षक भर्ती में सलेक्शन हो गया। फरारी में वह पुलिस मुख्यालय पहुंचा। उसने अपने को नाथावत का दोस्त बताया। मंत्रालयिक स्टाफ से उसने नाथावत की जॉइनिंग को लेकर पड़ताल की। उसे जवबा मिला कि जिसके दस्तावेजों का सत्यापन ही नहीं हुआ तो जॉइनिंग कैसे होगी।

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पेपर लीक गिरोह से पेपर हथियाकर नौकरी पाने वाले सभी सरकारी कर्मचारी एसओटी में गठित एसआईटी के रडार पर हैं। पूर्व में दर्ज मामलों में जैसे-जैसे जानकारी सामने आ रही है एसआईटी उसकी पुष्टि करने में जुटी है। इसी तहत एसओजी ने पूर्व में गिरफ्तार हो चुके भूपेन्द्र सारण को फिर जेल से रिमांड पर लिया है। पहले उसे उदयपुर के बेकरिया थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था। अब उसे हाथी पोल थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया है। भूपेन्द्र ने अपनी महिला मित्र प्रियंका के माध्यम से पेपर आरोपी ओमप्रकाश विश्नोई को दिया था। इसके बदले उसने पांच लाख रुपए वसूल किए थे।