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जयपुर की गली-गली में नशे के सौदागर: महिलाएं गैंग चला रहीं, बच्चे कर रहे डिलीवरी, थाने के पास धंधा और पुलिस बेखबर

आपके घर, स्कूल और ऑफिस से कुछ कदम दूर नशे का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। बच्चे पुड़िया थमा रहे हैं, महिलाएं गैंग चला रही हैं। पुलिस चौकी के सामने तक स्मैक, एमडी, गांजा और प्रतिबंधित सिगरेट बिक रही है। पत्रिका की टीम जब इस नेटवर्क की परतें उधेड़ने मैदान में उतरी तो भयावह सच सामने आया। पढ़ें विकास जैन, मुकेश शर्मा, देवेंद्र सिंह, नमन मिश्रा और हिमेश राणा की रिपोर्ट...

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जयपुर

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Arvind Rao

Dec 09, 2025

drug trafficking in Jaipur

drugs trafficking in Jaipur (Patrika Photo)

जयपुर: राजधानी की गलियों में फैलता नशे का साम्राज्य, जहां कानून की मौजूदगी भी मजाक बनकर रह गई है। स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटरों के स्टूडेंट्स खुलेआम गांजा, स्मैक, एमडी ड्रग और प्रतिबंधित सिगरेट खरीद रहे हैं।

वहीं, 12 से 14 साल के मासूम बच्चों से नशे की पुड़िया डिलीवर करवाई जा रही है। दुकानदारों के पास कोड वर्ड में सौदे हो रहे हैं। पान की दुकानों पर प्रतिबंधित सिगरेट बेची जा रही है। संकरी गलियों में महिलाएं गैंग चलाकर स्मैक सप्लाई कर रही हैं। पत्रिका के स्टिंग में सबसे खतरनाक सच यह सामने आया कि यह पूरा नेटवर्क पुलिस चौकियों और थानों के ठीक सामने फल-फूल रहा है, लेकिन वे आंखें बंद कर बैठे हैं।


पहला मामला : खानिया बंधा चूलगिरी (संकरी गलियों में ठिकाने, महिलाएं चला रही गैंग)

यहां एक घर में स्मैक और गांजा उपलब्ध करवाने की सूचना पर पत्रिका टीम मौके पर पहुंची। संकरी गलियों में स्मैक उपलब्ध करवाने वाले के घर तक पहुंचे, लेकिन गलियों से होकर जाने पर लोगों की घूरती नजरें डराने जैसी थी। यहां हर कोई नहीं पहुंच सकता। घर में मौजूद दो महिलाओं ने पैकेट मांगने पर मना कर दिया।


तब पत्रिका टीम गली के नु€क्कड़ पर छिपकर खड़ी हो गई। तभी दो युवक इस घर में पहुंचे और स्मैक की छोटी पुड़िया लेकर आए। युवकों को टीम ने रोका तो वे संकरी गली से होते हुए भाग गए। दो मिनट बाद ही एक अन्य युवक पहुंचा। महिला ने स्मैक का पैकेट युवक को दे दिया। गली के नु€क्कड़ पर खड़ी पत्रिका टीम ने युवक को पकड़ लिया। युवक ने दोनों महिलाओं से 300 रुपए में स्मैक का पैकेट लाना बताया।

युवक से पैकेट लेकर उसे 300 रुपए दिए और उससे एक पैकेट और मंगवाया। युवक महिलाओं से स्मैक का एक और पैकेट ले आया। तब पत्रिका टीम युवक को साथ लेकर दोनों महिलाओं के पास पहुंची। पैकेट मांगने पर एक महिला लेने चली गई, जबकि दूसरी ने मना कर दिया।

छानबीन करने पर स्थानीय लोगों ने बताया कि रोज सुबह जल्दी और शाम 4 से रात 10 बजे तक तीन से चार नशेड़ी यहां से स्मैक व गांजा के पैकेट लेकर जाते हैं। कई बार शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती।

दूसरा मामला : गोपालपुरा बायपास पर त्रिवेणी नगर पुलिया के नीचे

पुलिया के नीचे नशेड़ियों का जमघट, फिल्मी स्टाइल जैसा दिखा नजारा

रिपोर्टर ने आसपास के लोगों से पूछा कि पुड़िया कहां मिलेगी, तो उन्होंने पुलिया के नीचे बालू भरी गाड़ियों के पीछे जाने को कहा। वहां दृश्य चौंकाने वाला था…30-40 लोग नशे में धुत जुआ खेल रहे थे। यह पूरा माहौल किसी फिल्मी अड्डे जैसा था। चारों ओर नशे में लोग, खुलेआम जुआ और किसी का डर नहीं।


रिपोर्टर ने उनमें से एक से पुड़िया के लिए पूछा तो जवाब मिला…पीछे जाओ वहां मिल जाएगी। पीछे लेडी डॉन की तरह एक महिला कुर्सी पर बैठी नजर आई। उसके हाथों में नोटों की मोटी गड्डियां थीं, बगल में एक लाठी और पास में 12-14 साल का एक बच्चा खड़ा था। रिपोर्टर ने कहा…एक पुड़िया चाहिए। महिला ने तुरंत कहा…200 रुपए।

रिपोर्टर ने पैसे दिए तो महिला ने बच्चे को कहा…जाकर एक पुड़िया दे आ। बच्चा पास के कचरे के ढेर की ओर गया, वहां से एक छोटी पुड़िया उठा लाया और रिपोर्टर को पकड़ा दी। फिर रिपोर्टर ने एमडी ड्रग के लिए पूछा तो लेडी डॉन ने कहा कि कल सुबह 9 बजे आ जाना।

तीसरा मामला : एमडी के नाम पर स्मैक…कैश में लेन-देन

गोपालपुरा पुलिया के पास सुबह 9 बजे रिपोर्टर फिर वही पहुंचे। इस बार लेडी डॉन की जगह 10 से ज्यादा नए लोग मौजूद थे, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध नजर आ रही थी। रिपोर्टर ने एमडी मांगी। सामने वाले ने कहा, एमडी नहीं है, स्मैक है। एमडी अभी थोड़ी देर पहले ही खत्म हुई। रिपोर्टर से 300 रुपए कैश लेकर स्मैक की छोटी पुड़िया दे दी और एमडी ड्रग्स के लिए एक दिन बाद आने के लिए कहा।

चौथा मामला : गांजा नहीं, पुड़िया या माल बोलिए

पड़ताल की शुरुआत मालवीय नगर के शॉपिंग सेंटर से हुई। रिपोर्टर एक चाय की दुकान पर रुके और मौका देखकर दुकानदार के पास जाकर धीरे से पूछा गांजा चाहिए। यह सुनते ही दुकानदार झट से बोला, गांजा मत बोलिए, पुड़िया या माल बोलिए…समझदार की तरह।

दुकानदार ने खुलकर बताया कि उसके पास गांजा नहीं है, लेकिन गोगो है, जिसे गांजा रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आगे बढ़ते हुए जब रिपोर्टर ने दूसरी दुकानों पर पड़ताल की तो लगभग हर दुकान ने एक ही दिशा दिखाई वह झालाना, जहां पहाड़ हैं, वहां देख लेना, वहीं मिलता है। एक डेयरी वाले ने तो रिपोर्टर को गांजा भरने वाला पेपर पकड़ाया और फुसफुसाकर कहा, टनल के आगे इसी लाइन में ट्राई कर लेना।

पांचवां मामला : बेखौफ महिला तस्कर, बस्ती के बीच कुर्सी लगा धड़ल्ले से बेचती है स्मैक

ट्रांसपोर्ट नगर चौराहा के पास बस्ती में स्मैक मिलने की सूचना पर पत्रिका टीम पहुंची। यहां पर पत्रिका टीम को देखकर किसी ने भी स्मैक मिलने की जानकारी नहीं दी। दो घंटे बाद पत्रिका टीम बस्ती के नजदीक पुलिया पर से नजर रखने लगी। तभी बस्ती में सड़क पर कुर्सी पर बैठी महिला के पास नशा करने वाले युवा जाते नजर आए।

उसको पैसे देते और बदले में नशा की सामग्री लेकर लौट आते। गौर करने वाली बात है कि यहां से कुछ फलांग दूरी पर ही ट्रांसपोर्ट नगर थाना है, लेकिन सब आंखे मूंदे बैठे हैं।