
इंतजार करते यात्री (फोटो- पत्रिका)
जयपुर: सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का संकट और आसमान छूते किराए ने यात्रियों की मुश्किलें दोगुनी कर दी हैं। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लगातार फ्लाइट कैंसिल, री-शेड्यूल्ड होने से हजारों लोग फंसे हैं, तो दूसरी तरफ हवाई किराए में राहत के सरकारी दावे भी हवा साबित हो रहे हैं।
गोवा से पुणे तक टिकट 20 से 24 हजार तक बिक रही है। जबकि कनेक्टिंग फ्लाइट का झंझट यात्रियों पर समय और खर्च दोनों का बोझ डाल रहा है। रेलवे स्पेशल ट्रेनें चला रहा है, फिर भी ‘नो-रूम’ की स्थिति है। निजी बसों और टैक्सियों का किराया डेढ़ से दोगुना हो गया है।
इंडिगो एयरलाइन की लगातार फ्लाइट कैंसिल होने के बाद बड़ी संख्या में यात्री अब ट्रेन का रुख कर रहे हैं। इससे ट्रेनों में अचानक यात्रीभार बढ़ गया है। नतीजा यह कि जयपुर से हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और पुणे समेत कई शहरों की ओर जाने वाली ट्रेनें फुल हो चुकी हैं।
ज्यादातर ट्रेनों में स्लीपर से लेकर एसी कोच तक लंबी वेटिंग चल रही है, जबकि कई में नो-रूम स्टेटस है। वहीं, सरकार की सख्ती के बावजूद इंडिगो के साथ अन्य कंपनियों ने हवाई किराए में भी यात्रियों को पूरी राहत नहीं मिली है। कई रूटों पर यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूला जा रहा है।
-जयपुर से मुंबई जाने वाली अरावली एक्सप्रेस, जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट और जयपुर-बांद्रा टर्मिनस ट्रेनों में किसी भी श्रेणी में बुकिंग नहीं हुई। सभी में नो-रूम की स्थिति रही।
-दिल्ली जाने वाली गलताधाम सुपरफास्ट, योगा एक्सप्रेस, आश्रम एक्सप्रेस और मंडोर एक्सप्रेस का भी यही हाल। सैनिक एक्सप्रेस में स्लीपर श्रेणी में ही सीमित बुकिंग हुई, उसमें भी लंबी वेटिंग।
-हैदराबाद जाने वाली मैसूर एक्सप्रेस में नो-रिग्रेट दिखा।
-चेन्नई के लिए जयपुर-कोयम्बटूर एक्सप्रेस, अहमदाबाद के लिए जयपुर-असारवा सुपरफास्ट, पोरबंदर एक्सप्रेस, आश्रम एक्सप्रेस और योगा एक्सप्रेस में भी नो-रूम की स्थिति रही।
-सूरत जाने वाली जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट और कई अन्य रूटों पर दौड़ रही ट्रेनों में भी स्लीपर, एसी ही नहीं तत्काल कोटे तक में भी जगह नहीं मिली।
-सोमवार को एयरलाइंस की मनमानी जारी रही। जयपुर से गोवा जाने वाली एअर इंडिया एक्सप्रेस की टिकट 24 हजार रुपए तक और स्पाइसजेट की 18 हजार रुपए तक बुक हुई। पुणे के लिए एअर इंडिया एक्सप्रेस 20,259 रुपए तक लिए।
-हैदराबाद जाने वाली एअर इंडिया की फ्लाइट का किराया 17 से 28 हजार रुपए तक रहा।
-मुंबई के लिए एअर इंडिया एक्सप्रेस ने 14 हजार और स्पाइसजेट ने 24 हजार रुपए तक वसूले।
-दिल्ली रूट पर एअर इंडिया ने 4100 रुपए और एअर इंडिया एक्सप्रेस ने 4472 रुपए तक किराया लिया। कुल मिलाकर, कई रूटों पर हवाई किराया अब भी सामान्य दिनों की तुलना में 4 से 5 गुना तक महंगा है।
-साथ ही कई एयरलाइंस केवल कनेकटिंग फ्लाइट से सफर करा रही हैं, जिससे यात्रियों पर किराए का अतिरिक्त भार तो पड़ ही रहा है, समय भी दोगुना लग रहा है।
ऑपरेशनल दिक्कतों से जूझ रही देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो से संकट के बादल सोमवार को भी छाए रहे। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट आने-जाने वाली 11 फ्लाइट का संचालन रद्द रहा और दो दर्जन फ्लाइट घंटों की देरी से चलीं। सैकड़ों यात्रियों को एयरपोर्ट पर लंबा इंतजार करना पड़ा। पढ़ाई, परीक्षा, नौकरी, शादी, कारोबार और इलाज तक के लिए पहुंचे लोग परेशान होते रहे।
सबसे ज्यादा दिक्कत ऐनवक्त पर फ्लाइट रद्द होने और कनेक्टिंग फ्लाइट से सफर करने वाले यात्रियों को झेलनी पड़ी। कई यात्रियों को ट्रेन, बस या कैब का सहारा लेना पड़ा। कई यात्रियों ने एयरलाइन पर समय पर जानकारी न देने का भी आरोप लगाया। इस मामले में एयरलाइन स्टॉफ का कहना है कि क्रू मेंबर्स और तकनीकी स्टॉफ की कमी के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं। एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार, तीन से चार दिन में राहत मिलेगी।
अब यह भी सता रही चिंता : बंद हो सकती हैं उड़ानें
एयरलाइन से जुड़े सूत्रों का दावा है कि क्रू मेंबर्स की कमी से जूझ रही इंडिगो जयपुर से छोटे रूट पर फ्लाइट ऑपरेशन बंद कर सकती है। साथ ही दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े रूटों पर भी फ्लाइट संख्या घटाने की आशंका है। अगले महीने से जैसलमेर, जोधपुर समेत कुछ रूटों का संचालन भी बंद किया जा सकता है। ऐसे में परेशानी और बढ़ना तय है।
इंडिगो की रिफंड पॉलिसी भी यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा रही है। यात्रियों ने बताया कि एयरपोर्ट पर बने इंडिगो के काउंटर पर छह से सात दिन में ऑनलाइन रिफंड आने की बात कही जा रही है। कई यात्रियों ने किसी तरह रकम जुटाकर टिकट खरीदी, अब रिफंड न मिलने से उनके पास दूसरी टिकट बुक कराने को भी रुपए नहीं हैं। सरकार के रिफंड संबंधी दावे इंडिगो के सामने हवा साबित हो रहे हैं। एयरलाइन स्टॉफ उन्हें बार-बार अलग-अलग कारण बताकर चक्कर कटवा रहा है, जबकि तत्काल राहत की उन्हें सख्त जरूरत है।
एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार, अन्य दिनों की तुलना में सोमवार को कुछ राहत महसूस हुई है। कारण यह कि इंडिगो की केवल 11 फ्लाइट ही रद्द हुईं, जबकि अन्य दिनों में यह आंकड़ा 28 से 45 के बीच रहा है। ऐसा रहा तो तीन से चार दिनों में हालात सामान्य होने की संभावना जताई जा रही है। काउंटर पर नई टिकट बुकिंग करने की बजाय पहले से फंसे यात्रियों को गंतव्य तक भेजने में प्राथमिकता दी जा रही है।
-4 दिसंबर को 10 फ्लाइट रद्द रहीं।
-5 दिसंबर को 45 फ्लाइट रद्द रहीं।
-6 दिसंबर को 28 फ्लाइट रद्द रहीं।
-7 दिसंबर को 28 फ्लाइट रद्द रहीं।
Published on:
09 Dec 2025 09:39 am
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