
परिवहन भवन जयपुर, पत्रिका फोटो
Jaipur Rto: राजस्थान में वाहन खरीदते समय लोग अनजाने में एक ऐसी चीज़ के लिए भुगतान कर रहे हैं, जो अब अस्तित्व में ही नहीं है। परिवहन विभाग ने एक अप्रेल 2024 से लाइसेंस और आरसी के स्मार्ट कार्ड जारी करना बंद कर दिया है, लेकिन राजधानी जयपुर सहित कई शहरों में वाहन डीलर अब भी ग्राहकों से स्मार्ट कार्ड के नाम पर 300 रुपए तक वसूल रहे हैं।
दरअसल, डीलर ग्राहकों को ई-मित्र पर मात्र 50 रुपए में मिलने वाला पीवीसी कार्ड ही थमा रहे हैं, जिसे वे स्मार्ट कार्ड बताकर 5 गुना तक रकम ले रहे हैं। जागरूकता के अभाव में अधिकांश लोग इस शुल्क को अनिवार्य समझकर भुगतान कर रहे हैं। जागरूकता के अभाव में जनता से खुलेआम ‘स्मार्टली’ ठगी हो रही है।
जयपुर में प्रतिमाह लगभग 15,000 दोपहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री होती है। प्रत्येक वाहन पर 300 रुपए की यह वसूली डीलरों की ओर से की जा रही है, जिससे हर माह लगभग 45 लाख रुपए की अतिरिक्त वसूली हो रही है। अनुमान है कि अब तक चार करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की जा चुकी है।
परिवहन विभाग की प्रक्रिया के अनुसार, लाइसेंस अथवा वाहन पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आवेदक के मोबाइल पर लिंक भेजा जाता है, जिससे वह डिजिटल फॉर्मेट में अपने दस्तावेज डाउनलोड कर सकता है। इच्छुक व्यक्ति ई-मित्र केंद्र से 50 रुपए में पीवीसी कार्ड भी बनवा सकते हैं, लेकिन इसकी कोई अनिवार्यता नहीं है।
स्मार्ट कार्ड की सुविधा विभाग की ओर से बंद कर दी गई है। अब डिजिटल लिंक ही जारी किए जाते हैं। यदि डीलर इस नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -राजेन्द्र सिंह शेखावत, आरटीओ प्रथम
Updated on:
23 Jun 2025 09:15 am
Published on:
23 Jun 2025 07:19 am
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