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राजस्थान के जोबनेर में स्थित श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आधुनिक कृषि सुविधाओं की दिशा में नया अध्याय जोड़ा गया है। विश्वविद्यालय द्वारा विजमो एगवेंचर गुड़गांव के साथ एमओयू साइन किया गया है जिसके अंतर्गत विज्मो एडवेंचर द्वारा विश्वविद्यालय में ड्रोन के संचालन के लिए पायलट प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बलराज सिंह ने बताया कि राजस्थान में यह इस प्रकार का पहला ड्रोन पायलट प्रशिक्षण संस्थान होगा, जिससे ना केवल कृषि क्षेत्र को लाभ होगा बल्कि राज्य में रोजगार के अनेक अवसर भी उत्पन्न होंगे। निदेशक अनुसंधान डॉ एम.एल. जाखड़ ने बताया कि देश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किसान ड्रोन का उपयोग फसल मूल्यांकन भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों और पोषक तत्व के छिड़काव के लिए कर सकेंगे।
विज्मो के निदेशक वेदपाल रोज ने कहा कि ड्रोन के उपयोग से कृषि में एक नई क्रांति की शुरुआत होगी। किसान खेती में ड्रोन का उपयोग करके समय की बचत के साथ-साथ खेती की लागत में भी कमी कर पाएंगे। केवल ड्रोन ही एक ऐसा विकल्प होगा जिससे नैनो यूरिया का अन्य तरल उर्वरक तथा कृषि रसायनों का छिड़काव कम समय में और कम लागत में संभव हो सकेगा।
ड्रोन पायलट के प्रशिक्षण के लिए कोई भी दसवीं पास विद्यार्थी आवेदन कर सकता है जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो। इस कोर्स के लिए अभ्यर्थी के पास पासपोर्ट होना आवश्यक है। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र खुलने से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और नए अवसर पैदा होंगे। इस अवसर पर निदेशक एचआरडी डॉक्टर बीएल ककरालिया कुलसचिव बीएल बंजारा निदेशक शिक्षा डॉ एनके गुप्ता तथा पीबीसी एरो हब पुणे से प्रणव चीते भी उपस्थित थे।
Published on:
11 Feb 2023 06:05 pm
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