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राजस्थान टूरिज्म: धरोहर से डेस्टिनेशन वेडिंग तक सफर शानदार, सुविधाएं बढ़ें तो ऊंची उड़ान तय

ऐतिहासिक धरोहर, विश्व प्रसिद्ध किले-महलों के साथ धार्मिक पर्यटन व डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्रदेश देश—दुनिया को आकर्षित कर रहा है

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गिर्राज शर्मा
जयपुर
. राजस्थान तेजी से वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर नई पहचान बना रहा है। ऐतिहासिक धरोहर, विश्व प्रसिद्ध किले-महलों के साथ धार्मिक पर्यटन व डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्रदेश देश—दुनिया को आकर्षित कर रहा है। राजस्थान देशी-विदेशी पर्यटकों के आवागमन में देश में 5वें स्थान पर है। राज्य की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में टूरिज्म एंड ट्रेड का 12.78 प्रतिशत योगदान हैं। हकीकत यह भी है कि प्रदेश के स्मारकों व संग्रहालयों के साथ प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित नहीं हो पा रही है।

प्रदेश में साल-दर-साल पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 में देशी पर्यटक 28.43 प्रतिशत व 23.37 प्रतिशत विदेशी पर्यटक अधिक आए। जबकि 2024 की तुलना में अगस्त 2025 तक ही प्रदेश में 11.71 प्रतिशत देशी पर्यटक अधिक आए, जबकि 4.72 फीसदी विदेशी पर्यटकों की संख्या घट गई। अगर पर्यटकों की संख्या की बात करें तो वर्ष 2022 में 10.83 करोड़ देशी पर्यटक आए, वहीं 3.96 लाख विदेशी पर्यटक आए। वर्ष 2023 में 17.90 करोड़ देशी और 16.99 लाख विदेशी, जबकि 2024 में 23 करोड़ देशी पर्यटक व 20.72 करोड़ विदेशी पर्यटक राजस्थान आए।

टॉप-4 राज्य: पर्यटन के हर क्षेत्र पर दिया ध्यान

इंडिया टूरिज्म रिपोर्ट-2025 में टॉप-4 राज्यों ने पर्यटन के सभी पहलूओं पर समग्र कार्य कर अपने-अपने राज्यों की रैकिंग को सुधारा है। इन राज्यों ने धार्मिक पर्यटन पर फोकस किया। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन व धार्मिक स्थलों का केंद्रित विकास किया। कनेक्टिविटी और पहुंच मार्गों पर फोकस करने के साथ विविध टूरिज्म-प्रोडक्ट का एक सर्कल बनाया। इवेंट आधारित टूरिज्म पर भी फोकस किया। जबकि राज्य में पर्यटन के आधारभूत विकास के क्षेत्र में काफी काम करने के साथ धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन के बेहतर प्रचार-प्रसार की जरूरत है।

इन पर दें ध्यान तो पावणों के बढ़े कदम

  • राज्य में पर्यटन विकास के लिए 900 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की है, इसकी क्रियान्वयन में तेजी लाना जरूरी है।
  • वन डिस्टिक वन डेस्टिनेशन जैसी महत्वपूर्ण परियोजना पर फोकस नहीं
  • पर्यटक स्थलों पर बेहतर कनेक्टिविटी नहीं, पहुंच के रास्ते भी सुगम नहीं
  • पर्यटन स्थलों के विकास पर खास फोकस नहीं है, पर्यटकों को पार्किंग, छाया-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिलती है।

पर्यटन के क्षेत्र में देश के टॉप-5 प्रदेश…

रैंक - प्रदेश - देशी पर्यटक - विदेशी पर्यटक (वर्ष 2024 में आए पर्यटक)
1 - उत्तरप्रदेश - 64.6 करोड़ - 3 करोड़
2 - तमिलनाडु - 30.6 करोड़ - 3 करोड़
3 - कर्नाटका - 30.4 करोड़ - 2 करोड़
4 - आंध्रप्रदेश - 29 करोड़ - 2 करोड़
5 - राजस्थान - 23 करोड़ - 2 लाख

नई पर्यटन नीति 2025 लागू, पर्यटन को बढ़ाने का रोडमैप

  • पर्यटन में स्कील डवलपमेंट, होटल व्यवसाय व पर्यटन निवेश में बढ़ावा देना, नेशनल स्टेट हाईवे के आसपास पर्यटन सुविधाएं विकसित करना
  • साफ-सफाई व पर्यटकों की पहुंच को मजबूत करना, अनुभवात्मक पर्यटन को बढ़ावा देना
  • नाइट व लेट नाइट टूरिज्म पर भी फोकस

पर्यटन मंत्री दिया कुमारी से सवाल…

सवाल : दो साल में विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि?
जवाब :
पर्यटन को केवल दर्शनीय स्थलों तक सीमित न रखकर, उसे स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण से जोड़ा गया है।
विरासत स्थलों के संरक्षण, धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन के विकास और बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण से राज्य में आने वाले पर्यटकों का अनुभव बेहतर हुआ है।

सवाल : किन क्षेत्रों में आप सुधार को प्राथमिकता देंगे ?
जवाब :
पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाएं, स्वच्छता, सुरक्षा और बेहतर कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही ग्रामीण, धार्मिक और विरासत पर्यटन को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा।

सवाल : आगामी तीन वर्षों का लक्ष्य क्या है ?
जवाब :
सरकार का उद्देश्य राजस्थान को देश-विदेश में एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में और सशक्त बनाना है। पर्यटन विकास को टिकाऊ, संतुलित और समावेशी बनाते हुए राज्य की सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपराओं का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।