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राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में ठीक सात दिन बाद प्रायोगिक परीक्षाएं हैं। 14 दिन बाद 27 फरवरी से सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं शुरू होंगी। छात्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि विवाद छोड़कर जल्दी से जल्दी कोर्स पूरा करें।
अभी हंगामा जारी
राजस्थान यूनिवर्सिटी के कैंपस में अभी छात्रों की असहमतियों को लेकर हंगामा जारी है। बता दें कि यहां 2005 से 2010 तक छात्र संघ चुनावों पर रोक थी। विश्वविद्यालयों और राज्यसरकारों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित लिंगदोह समिति की सिफारिशों के तहत ही चुनाव कराने थे।
खुद छात्र संघ चुनाव संविधान में इसका उल्लेख है। जबकि लिंगदोह समिति की स्पष्ट सिफारिश है कि छात्र संघ चुनाव के बाद कार्यालय का उद्घाटन दिसम्बर तक हो जाना चाहिए। इसके बावजूद राज्य का उच्च शिक्षा विभाग और सभी विश्वविद्यालय इसकी धज्जियां उड़ाकर उद्घाटन समारोह मनमाने ढंग से करवाते हैं। विद्यार्थी असंमझ की स्थिति में हैं। जबकि, परीक्षाओं में 15 दिन भी नहीं बचे हैं।

Published on:
13 Feb 2017 04:49 pm
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