
सुनील सिंह सिसोदिया / जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को पुलिस की कार्यशैली पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार व निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने ही सवाल उठा दिए। एक निर्दोष को हत्या के केस में फंसाने के मामले में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर वैल में नारेबाजी की और टेबल ठोकी। इससे नाराज अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने सदन में मार्शल बुला लिए। मार्शल उन्हें जबरन बाहों में भरकर बाहर उठा ले गए।
संयम ने सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए मामला उठाते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लिखमाराम रेबारी को पुलिस ने हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने झूठे मामले में फंसा दिया। उसे चार साल जेल में रहना पड़ा। बाद में वह निर्दोष साबित हुआ। आखिर किसी व्यक्ति को झूठे मामले में फंसाने वाले पुलिस अधिकारियों पर सरकार क्या कार्रवाई करेगी।
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब में कहा कि लिखमाराम क्यों गिरफ्तार हुआ? इसमें किसकी गलती थी? इस मामले की जांच चल रही है और जो भी पुलिस अधिकारी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सात दिन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से जांच करा ली जाएगी।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट और उन्हें अध्यक्ष ने बोलने की अनुमति नहीं दी तो संयम वैल में आकर पीड़ित लिखमाराम को मुआवजा दिए जाने और पुलिस की गुण्डागर्दी नहीं चलेगी, नारे लगाने लगे। टेबल भी जोर-जोर से बजाई।
अध्यक्ष जोशी ने बार-बार उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा, लेकिन वे नहीं माने। बाद में अध्यक्ष ने निर्देश देते हुए कहा, 'मार्शल थ्रो हिम आउट'। निर्देश मिलते ही मार्शल उन्हें बाहों में भरकर जबरन बाहर ले गए।
Published on:
15 Mar 2022 06:00 pm
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