पिछले दिनों आई बरसात, ओलावृष्टि से भीगी व खराब हुई रबी की फसलों को किसान दो दिन से सुखाकर ढेर लगाने में व्यस्त रहे तो जिन किसानों के खेतों में गेहूं व जौ की कटाई नहीं हुई वे फसलों को काटने में लगे रहे। फिर भी बस्सी उपखण्ड इलाके के कई गांवों में बूंदाबांदी होने से किसान एक बार फिर चिंतित नजर आए।
फसलों को बारिश व ओलावृष्टि से बचाने के लिए किसान का पूरा परिवार फसलों को समेटने में जुटे हुए है। यहां तक की अन्नदाता के बच्चे भी फसलों को बचाने में उनकी मदद कर रहे है। उपखण्ड इलाके के चारणवास, चोरवाड़ा में गुरुवार शाम को देखा गया कि किसानों के साथ फसलों को सुखाकर एकत्रित करने में बालक भी उनकी मदद करते नजर आए।
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बादलों की तरफ ही देखते हैं किसान
इस समय कहीं खेतों में कटी हुई गेहूं, जौ व चने की फसल क्यारियों में सूख रही है तो कहीं पर खलिहानों में सूख रही है। किसान बार-बार बादलों की ओर देखते है। किसान प्रार्थना कर रहे है कि आगामी चार-पांच दिन यदि मौसम ठीक रहे तो वे फसलों को समेट लेंगे। यदि अब बरसात हो जाती है तो ना अनाज काम का रहेगा और ना ही चारा।
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आसानी से नहीं मिल रहे मजबूर व थ्रेसर
इस वक्त जिन किसानों ने अपनी फसलों को भीगने के बाद खलिहानों में थ्रेसर से निकलवाने के लिए रख रखा है वे थ्रेसरवालों के पास चक्कर काट रहे हैं, लेकिन बादल छाने व बूंदाबांदी होने से थ्रेसर भी आसानी से नहीं मिल रही है। हर कोई किसान अपनी फसलों को जल्दी निकलवाना चाहता है। वहीं जिन किसानों के खेतों में कटाई नहीं हुई है वे किसान फसलों को कटवाने के लिए मजदूरों के पास चक्कर काट रहे है। मौसम खराब होने से मजदूर भी आसानी से नहीं मिल रहे है।