20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Manipur Violence : मणिपुर हिंसा में फंसे राजस्थानी, घर वापसी के लिए हेल्पलाइन शुरू

CM Ashok Gehlot Started Helpline For Manipur Violence : पूर्वोत्तर में एक बार राजस्थानी फिर फंस गए है। हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे सभी राजस्थानियों को घर वापसी के लिए राजस्थान सरकार ने आपरेशन शुरू कर दिया है। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं।

less than 1 minute read
Google source verification
CM Ashok Gehlot Started Helpline For Manipur Violence

CM Ashok Gehlot Started Helpline For Manipur Violence

CM Ashok Gehlot Started Helpline For Manipur Violence : पूर्वोत्तर में एक बार राजस्थानी फिर फंस गए है। करीब एक दशक पहले राजस्थानी व्यापारियों पर पूर्वोत्तर में काफी जुल्म हुआ था। अब मणिपुर एक बार फिर से वह फंसते नजर आ रहे हैं। हिंसाग्रस्त मणिपुर में फंसे सभी राजस्थानियों को घर वापसी के लिए राजस्थान सरकार ने आपरेशन शुरू कर दिया है। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को हो रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्चाधिकारियों को सभी विद्यार्थियों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।


सीएस और डीजीपी कर रहे समन्वय
मुख्य सचिव उषा शर्मा और पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा मामले पर लगातार नजर रखे हुए हैं। एसीएस (समन्वय) और मुख्य आवासीय आयुक्त शुभ्रा सिंह ने बताया कि मणिपुर में फंसे प्रवासियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 0141-2229111, 011-23070807 और 8306009838 जारी किए गए हैं। मणिपुर में फंसे राजस्थानियों की सूचना एकत्र करने व उन्हें वहां से निकालने के लिए राजस्थान फाउंडेशन द्वारा गूगल फॉर्म और वाट्स एप ग्रुप बनाए हैं ।

चलाई जाएगी स्पेशल उड़ान
रेजिडेंट कमिश्नर और राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान डीजीपी उमेश मिश्रा ने मणिपुर पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया है ताकि आपातस्थिति में विमानन उड़ान से राजस्थान के विद्यार्थियों को इंफाल से जयपुर या गुवाहाटी/कोलकाता के माध्यम से जयपुर तक सुरक्षित लाया जा सके।

ये है मामला
मणिपुर हाईकोर्ट ने दस साल पुराने सिफारिश लागू करने का आदेश जारी किया। इसमें वहां की मैतेई समाज को जनजाति वर्ग में शामिल करना था। इसके बाद कुकी जातीय समूह ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इस बात को लेकर हिंसा भड़क गई। कुकी जनजाति करीब 30 फीसदी है और मैतेई समुदाय यहां 53 फीसदी के आसपास है। 1949 में मैतेई समाज को जनजाति का दर्जा मिला हुआ था।