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राठौड़ की सरकार को चेतावनी, कहा : गलत छत्ते में हाथ डाला, ये बहुत महंगा पड़ेगा

संघ के निम्बाराम का मुकदमे में नाम आने पर बोले राठौड़, यह राजनीतिक साजिश

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अरविन्द सिंह शक्तावत / जयपुर। राजाराम के विरूद्ध एसीबी के मुकदमे में संघ के निंबाराम का नाम आने पर भारतीय जनता पार्टी ने जोरदार हमला बोला है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अपने छोटे कर्मों पर परदा डालने के लिए जो काम किया है, यह सरकार को बहुत महंगा पड़ेगा। सरकार ने गलत छत्ते में हाथ डाल दिया है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में बुधवार को राठौड़ ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस सरकार आधा कार्यकाल पूरा कर चुकी है। हालात अंधेर नगरी चौपट राजा जैसे बने हुए हैं। एसीबी में दर्ज एक एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध का जीता जागता उदाहरण है। इस मुकदमे में आरएसएस को निशाना बनाया गया है। दिल्ली में बड़े आकाओं को खुश करने के लिए राष्ट्रवादी संगठन को निशाना बनाने का कुत्सित प्रयास किया गया है। यह सौदा सरकार को महंगा पड़ेगा।

सड़क से संसद तक इस अन्याय के खिलाफ बिगुल बजा देंगे। यह पहला मौका है जब एसीबी ने किसी पीई को मुकदमें में तब्दील किया है, जिसमें कोई शिकायत नहीं है। कोई लेनदेन नहीं है। केवल कूटरचित वीडियो के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। ना कोई परिवाद है और ओमकार सप्रे तक ने यह कहा था कि उनकी संस्था बीवीजी के प्रतिनिधि की किसी से कोई लेनदेन की बात नहीं हुई। सारी बातें कूटरचित है।

राठौड़ ने कहा कि जीएस संधु जो एकल पट्टा प्रकरण में आरोपी थे, सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव के बराबर का दर्जा देकर उन्हें सलाहकार बनाया। मुकदमा वापस ले रहे हैं, कोर्ट में कहा कि एकल पट्टा प्रकरण मामले में रेवेन्यू का कोई नुकसान नहीं हुआ। परिवादी ने कोई शिकायत नहीं दी।

आईएएस निर्मला मीणा पर दो करोड़ के गबन के घोटाले की एफआईआर थी, लेकिन वह आज बड़ी पोस्ट पर बैठी है। जोधपुर विश्वविद्यालय में योग्यता पूरी नहीं करने के बाद भी जिनको प्रोफेसर बनाया गया, उन सबको नियमित कर दिया गया। पिछले साल 16 विधायकों को नोटिस दिया गया, उनमें कहा कि ऑडियो-वीडियो का कोई प्रमाणिक सोर्स नहीं मिला। इसलिए एफआर लगा दी।