
पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवा शनिवार को एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गए। रिणवा कोे सरदारशहर में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ समेत कई नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई। यह वही रिणवा है, जिन्होंने भाजपा की पूर्ण बहुमत से पहली बार बनी सरकार के समय पार्टी के दिग्गज नेता हरिशंकर भाभड़ा को ही हरा दिया था।
भाजपा को पहली बार 2003 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला था। इस चुनाव में पार्टी के दिग्गज नेता हरिशंकर भाभड़ा रतनगढ़ से चुनाव लड़ रहे थे। उनके सामने निर्दलीय के रूप में रिणवा चुनाव मैदान में थे। 2003 के चुनाव का जब परिणाम आया तो भाभड़ा को रिणवा ने डेढ़ हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हरा दिया था। इसके बाद रिणवा का नाम एकाएक चर्चा में आ गया था। 2008 के चुनाव में भाजपा ने रिणवा को अपना उम्मीदवार बनाया। वे बड़े अंतर से चुनाव जीते। इसी तरह 2013 में भी वे रतनगढ़ से ही चुनाव लड़े और चुनाव जीत कर मंत्री भी बनाए गए, लेकिन 2018 में पार्टी ने रतनगढ़ से उनको टिकट नहीं दिया। इस चुनाव में रिणवा फिर से निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन इस बार वे चुनाव नहीं जीत सके। चुनाव परिणाम रिणवा के पूरी तरह से खिलाफ गया और उनकी जमानत ही जब्त हो गई। रिणवा को कुल डाले गए वोटों का दस प्रतिशत वोट भी नहीं मिला।
11 पंचायतों ने करवाई पार्टी में वापसी
रिणवा को 2003 के चुनाव में जिन पंचायतों में सबसे ज्यादा वोट मिले थे, उनमें से 11 पंचायतें 2008 के चुनावों से पहले हुए परिसीमन में सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में चली गई। रिणवा से जुड़े भाजपा नेताओं ने पार्टी तक यह बात पहुंचाई। इसके बाद उन्हें पार्टी में वापस लेने की योजना बनाई गई। इसी बीच सरदारशहर सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो गई। रिणवा को पार्टी में लेने के लिए नेताओं को यह सही समय लगा। इसके बाद शनिवार को फिर से पार्टी में शामिल किया गया। 2023 के विधानसभा चुनाव में रिणवा सरदारशहर सीट से दावेदारी कर सकते हैं।
Published on:
28 Nov 2022 01:33 pm
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