
जयपुर. राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) के माध्यम से कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को भी चिकित्सा शिक्षा सेवा नियम-1962 के अनुसार वेतन-भत्तों का लाभ मिल सकेगा। पूर्व में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को भी यह विकल्प मिलेगा। ये चिकित्सक शिक्षक लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसकी सहमति दे दी है।
विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि राजमेस का मौजूदा चिकित्सक शिक्षक संवर्ग डाइंग कैडर होगा। वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को सोसाइटी के नियमों के अनुसार वेतन एवं भत्ते लेने या राजस्थान चिकित्सा शिक्षा सेवा नियम 1962 के अधिकारियों को देय वेतन एवं भत्ते लेने का विकल्प दिया जाएगा। जिन चिकित्सक शिक्षकों की ओर से इस नियम के अनुसार वेतन एवं भत्ते लेने का विकल्प दिया जाएगा, उनका राजमेस में कार्यग्रहण करने की दिनांक से राजस्थान चिकित्सा शिक्षा सेवा नियम-1962 के तहत देय मूल वेतन और सेवा अवधि के अनुसार देय वेतन वृद्धियों सहित काल्पनिक आधार पर वेतन निर्धारण किया जाएगा। ऐसे चिकित्सकों को प्रैक्टिस नहीं करने का विकल्प प्रस्तुत करने पर नॉन प्रैक्टिस अलाउंस दिया जाएगा। राजमेस के नियमों के अनुसार दिए जाने वाले समेकित वेतन एवं भत्तों (रिमोट एरिया अलाउंस को छोड़कर) का संरक्षण किया जाएगा।
Updated on:
17 Aug 2024 02:50 pm
Published on:
17 Aug 2024 12:33 pm
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