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अब सरहद पर निगाहबान होंगी सीआईबीएमएस की अदृश्य आंखें

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की पहली स्मार्ट फेंसिंग परियोजना की शुरुआतभारत और पाकिस्तान सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग योजना शुरू

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को भारत-पाक सीमा पर देश की पहली ‘‘स्मार्ट फेंस’’ (बाड़बंदी) प्रायोगिक परियोजना की शुरूआत कर दी। इसके तहत लेजर से लैस बैरियर बनाए जाएंगे और इनमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि सीमा पर संवेदनशील क्षेत्रों की चौकसी बढ़ाई जा सके. इसमें पांच-पांच किलोमीटर के दो खंड होंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महत्वाकांक्षी परियोजना में सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रौद्योगिकी लागू की जा रही है स्मार्ट बाड़ में निगरानी, संचार और डाटा भंडारण के लिए कई उपकरणों का उपयोग किया जाता है. इसमें थर्मल इमेजर, भूमिगत सेंसर, फाइबर ऑप्टिकल सेंसर, रडार और सोनार जैसे सेंसर उपकरण भी स्मार्ट बाड़ में लगाए जाएंगे.नयी प्रणाली में सीमा की 24 घंटे निगरानी हो सकती है और यह धूलभरी आंधी, तूफान, धूंध या बारिश जैसे विभिन्न मौसमों में भी काम करती है. बल के महानिदेशक के के शर्मा ने पहले कहा था कि भविष्य में पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की 2,400 किलोमीटर लंबी सीमा पर ऐसी प्रणाली तैनात की जाएगी.समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) घुसपैठ और अवैध प्रवासन को रोकने के लिए दोनों सीमाओं को पूरी तरह से सील करने के मोदी सरकार के फैसले का हिस्सा है. अधिकारी ने कहा कि लेजर बाड़ और अन्य उपकरणों को एकीकृत किया गया है और सीसीटीवी जैसी फीड सीमा सुरक्षा बल चौकी को दी जाएगी ताकि किसी भी घुसपैठ के प्रयास पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. एक स्मार्ट बाड़ एक स्लोवेनियाई कंपनी द्वारा विकसित की गई है, वहीं दूसरी बाड़ एक भारतीय कंपनी द्वारा तैयार की गई है.