रामनिवास बाग की भूमिगत पार्किंग का टूटा हुआ मेन गेट का हिस्सा हादसों को निमंत्रण दे रहा है। इस टूटे हुए गेट के कारण कभी भी वाहन चालकों के साथ कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों कहना है कि यह गेट किसी अज्ञात वाहन ने नहीं तोड़ा बल्कि सुबह पुलिस वालों की बस इधर से गुजरी थी और बस की छत पर कैरियर लगा होने के कारण यह हादसा हुआ। बस ड्राइवर कंट्रोल रूम को सूचना देकर चला गया।
मौके पर जेडीए की टीम पहुंची, लेकिन जेडीए टीम ने इस टूटे हुए गेट को हटाने अथवा इसे ठीक कराने की कार्रवाई अब तक नहीं की है। इसके अलावा भूमिगत पार्किंग के आस पास दिन व रात में असामाजित तत्वों का जमावड़ा रहने पर शहरवासी वाहनों की पार्किंग करने से भी कतराने लगे हैं। वहीं पार्किंग क्षेत्र में आवारा कुत्तों का भी आश्रय स्थल बना हुआ है। यहां बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते इधर-उधर घूमते रहते हैं और आने-जाने वालों को काटने के लिए दौड़ते हैं। कई बार वाहन चालकों के पीछे दौडऩे से कई बार हादस भी हो चुके हैं। वहीं पार्किंग क्षेत्र में भी सुरक्षा के लचर इंतजाम होने के कारण पार्किंग में खड़े हो रहे वाहनों की संख्या भी अब दिनों-दिन कम होने लगी है। जिसके चलते करोड़ों रुपए खर्च कर बने भूमिगत पार्किंग के बावजूद परकोटा क्षेत्र के बाजारों में फिर से सडक़ पर बेतरतीब ढंग से वाहनों की रेलमपेल बाजारों की रौनक खत्म कर रही है। इन सबके बावजूद जिम्मेदार अपनी आंखे मूंद कर बैठे है।