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निशक्तों को सक्षम बना रहा रैम्प माई सिटी, सार्वजनिक स्थलों को व्हीलचेयर फ्रेंडली बनाने की पहल

रैम्प माई सिटी: निशक्तों को एकजुट कर स्कूल, कॉलेज, होटल, रेस्टोरेंट और पार्क सहित अन्य जगहों को व्हीलचेयर फ्रेंडली बनाने की पहल

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जयपुर

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Deepshikha

Feb 19, 2020

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जयपुर.व्हीलचेयर का उपयोग करने वाले निशक्तजन आसानी से सार्वजनिक स्थानों पर आसानी से जा सकें। इसके लिए शारीरिक रूप से अक्षम प्रतीक खंडेलवाल रैम्प माई सिटी अभियान चलाकर होटल और रेस्टोरेंट सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों को व्हीलचेयर फ्रेंडली बना रहे हैं। अब यह अभियान एक संस्था के रूप में जयपुर सहित कई शहरों में में कार्य करेगा। प्रतीक ने मंगलवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में अपने अनुभव साझा किए।

34 वर्षीय प्रतीक ने बताया कि उन्होंने बैंगलोर के करीब अब तक 30 होटल्स में रैम्प बनवाने और वहां के कर्मचारियों को भी दिव्यांगों के साथ कैसे व्यवहार किया जाए इसका प्रशिक्षण भी दे चुके हैं। मूलरूप से जयपुर के प्रतीक अब रैम्प माई सिटी संस्था बनाकर निशक्तजनों को एकजुट कर स्कूल, कॉलेज, होटल, रेस्टोरेंट और पार्क सहित अन्य जगहों को व्हीलचेयर फ्रेंडली बनाने की पहल कर रहे हैं।

खुद को हुई पीड़ा तो जाना निशक्तजनों का दर्द

प्रतीक ने बताया कि 2014 में एक निर्माणाधीन भवन में दुर्घटना में उन्हें रीढ़ की हड्डी से संबंधित बीमारी हो गई, जिससे उनके शरीरी का निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। एकाएक उनकी जिंदगी बदल गई, समाज उन्हें सिर्फ दया की नजर से देखता था। व्हीलचेयर पर उनका हर जगह जाना संभंव नहीं था। ऐसे में प्रतीक ने सरकार की सहायता के बिना खुद अपनी और अपने जैसे अन्यों की सहायता करने की ठानी। उन्होंने बैंगलोर के होटल और रेस्टोरेंट संचालकों से मुलाकात कर वहां रैम्प, टॉयलेट, टेबल्स, और कर्मचारियों द्वारा निशक्तजनों के साथ व्यवहार करने का प्रशिक्षण दिया। इसमें 30 से ज्यादा होटल, रेस्टोरेंट संचालकों ने उनका साथ दिया।

शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले लोगों के लिए प्रतिक के इस विचार से आज देश के कई शहरों के 20 से ज्यादा निशक्त इस अभियान का हिस्सा बन चुके हैं और वो भी दूसरे शहरों में जागरुक रहे हैं। प्रतीक अब संस्था बनाकर जयपुर, मुम्बई, दिल्ली और गुवाहाटी सहित कई जगहों परर रैम्प, शौचालय और टेबल को निशक्तजनों के उपयोग के लायक बनवाने की कोशिश कर रहे हैं।