scriptबलात्कार पीड़िताओं को गर्भपात की जानकारी नहीं होने से जान का जोखिम, राजस्थान हाईकोर्ट का छलका दर्द | Rape victims are at risk of life due to lack of information about abortion, Rajasthan High Court said there is a need to make guidelines | Patrika News
जयपुर

बलात्कार पीड़िताओं को गर्भपात की जानकारी नहीं होने से जान का जोखिम, राजस्थान हाईकोर्ट का छलका दर्द

राजस्थान हाईकोर्ट ने गर्भवती बलात्कार पीड़िताओं के लिए गाइडलाइन बनाने की आवश्यकता बताई।

जयपुरDec 05, 2024 / 08:40 am

Lokendra Sainger

rajasthan highcourt
राजस्थान हाईकोर्ट ने गर्भवती बलात्कार पीड़िताओं की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इन महिलाओं को समय पर गर्भपात के अधिकार की जानकारी नहीं दिए जाने से न केवल उनकी जान जोखिम में पड़ने का खतरा रहता है, बल्कि कई बार बच्चे को जन्म देने को भी मजबूर होना पड़ता है। कोर्ट ने कहा कि जब तक ऐसी स्थितियां टालने के लिए कानूनी प्रावधान नहीं हो जाते, अदालती आदेश से गाइडलाइन तय कर समस्या का समाधान किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने बलात्कार पीड़ित नाबालिग के मामले में अपील पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार, जांच एजेंसियां बलात्कार पीड़िताओं को गर्भपात के महत्वपूर्ण अधिकार के बारे में बाध्य नहीं हैं।

गाइडलाइन बनाने की आवश्यकता

कोर्ट ने उचित कानून बनने तक गाइडलाइन तय करने की आवश्यकता जाहिर करते हुए स्वप्रेरणा से याचिका दर्ज करने का आदेश दिया। खंडपीठ ने पीडिता को गर्भपात की अनुमति नहीं देने के एकलपीठ के आदेश पर दखल से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता 32 सप्ताह की गर्भवती है और अब गर्भपात से उसके जीवन को खतरा है, ऐसे में गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती।

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