जयपुर वापस लौटे बच्चों ने बताया कि चार महीनों में नरक से ज्यादा बुरी यातनाएं भोगी हैं। आरोपित ठेकेदार मुकेश के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म व बंधुआ मजदूर रखने का मामला दर्ज किया गया है।
इस तरह बचे बच्चे
वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर फॉर चाइल्ड (स्नेह आंगन) के राज्य समन्वयक विजय गोयल ने बताया कि अगस्त माह में यह मामला सामने आया था। तभी तमिलनाडु में बच्चों के क्षेत्र में काम कर रही संस्था एक्शन एड को मामले की जानकारी दी। संस्था को मदुरैई से 40 किलोमीटर दूर एक भट्टे पर बच्चे मिले। संस्था के कार्यकर्ताओं ने बच्चों की तस्वीर जयपुर भेजी। यहां स्नेह आंगन के कार्यकर्ताओं ने पिता से पहचान करवाई। पहचान होने के बाद वहां पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर बच्चों को छुड़वाया गया। बच्चों को छुड़वा लिया गया, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर फॉर चाइल्ड (स्नेह आंगन) के राज्य समन्वयक विजय गोयल ने बताया कि अगस्त माह में यह मामला सामने आया था। तभी तमिलनाडु में बच्चों के क्षेत्र में काम कर रही संस्था एक्शन एड को मामले की जानकारी दी। संस्था को मदुरैई से 40 किलोमीटर दूर एक भट्टे पर बच्चे मिले। संस्था के कार्यकर्ताओं ने बच्चों की तस्वीर जयपुर भेजी। यहां स्नेह आंगन के कार्यकर्ताओं ने पिता से पहचान करवाई। पहचान होने के बाद वहां पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर बच्चों को छुड़वाया गया। बच्चों को छुड़वा लिया गया, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
स्थानीय जिला कोर्ट के दखल के बाद सितम्बर माह में 15 व 29 सितम्बर को पोक्सो व बंधुआ मजदूर कानून में मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने बच्चों के साथ माता-पिता को भी बंधुआ मजदूर माना है। तीनों के बंधुआ मजदूर मुक्ति प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। हालांकि अभी तक आर्थिक सहायता नहीं मिली है।
पांच लोगों ने तीन महीने तक किया दुष्कर्म
पीडि़त पिता की बड़ी बेटी सुषमा (13) (परिवर्तित नाम) ने काउंसलिंग में बताया कि चार महीनों तक यातनाएं भोगी हैं। ठेकेदार और उसके चार दोस्तों ने तीन महीने दुष्कर्म किया। कभी जंगल में ले जाकर तो कभी घर में। अश्लील गानों पर डांस भी करवाया। जब भी विरोध करती तो छोटे भाई-बहनों को सिगरेट से दाग देते। लगातार दुष्कर्म से गर्भधारण भी हुआ, यह बात ठेकेदार की पत्नी को पता चली तो उसने बुखार के नाम पर गोली खिला दी। जिससे गर्भ गिर गया।
पीडि़त पिता की बड़ी बेटी सुषमा (13) (परिवर्तित नाम) ने काउंसलिंग में बताया कि चार महीनों तक यातनाएं भोगी हैं। ठेकेदार और उसके चार दोस्तों ने तीन महीने दुष्कर्म किया। कभी जंगल में ले जाकर तो कभी घर में। अश्लील गानों पर डांस भी करवाया। जब भी विरोध करती तो छोटे भाई-बहनों को सिगरेट से दाग देते। लगातार दुष्कर्म से गर्भधारण भी हुआ, यह बात ठेकेदार की पत्नी को पता चली तो उसने बुखार के नाम पर गोली खिला दी। जिससे गर्भ गिर गया।
राजस्थान पत्रिका ने उठाया था मामला
राजस्थान पत्रिका ने 10 अगस्त के अंक में ‘चेन्नई की मानव मंडी में बंधक बनाए तीन मासूम’ व 24 अगस्त को ‘आखिर मुक्त कराए बच्चे, जल्द लौटेंगे जयपुर’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामला उजागर किया था।
राजस्थान पत्रिका ने 10 अगस्त के अंक में ‘चेन्नई की मानव मंडी में बंधक बनाए तीन मासूम’ व 24 अगस्त को ‘आखिर मुक्त कराए बच्चे, जल्द लौटेंगे जयपुर’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामला उजागर किया था।