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Rajasthan Politics: ‘ठाकुर का कुआं’ का जिक्र कर बुरे फंसे कांग्रेस नेता हरीश चौधरी, खाचरियावास- भाटी- मानवेंद्र ने ऐसे लिया आड़े हाथ

Rajasthan News: बायतु विधायक हरीश चौधरी कविता 'ठाकुर का कुआं' का विधानसभा में जिक्र करने के बाद बुरे फंस गए है।

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राजस्थान विधानसभा में गुरूवार को बायतु विधायक हरीश चौधरी ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' की कुछ लाइनें पढ़ी। जिसके बाद से राजनीतिक पारा गरमा गया है। बीजेपी नेता मानवेंद्र सिंह, निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

हरीश चौधरी ने सदन में कविता पढ़ते हुए कहा, 'चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का। भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का। बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी। फसल ठाकुर की, कुआं ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के। आपके लिए क्या है? गांव? शहर? देश? बजट को देखकर तो लगता है कि यह बड़े-बड़े महल और ठाकुरों के लिए है।' जिसके बाद सदन में हंगामा मच गया।

मानवेंद्र सिंह का हरीश चौधरी पर हमला

बीजेपी नेता मानवेंद्र सिंह जसोल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'जिस सभा की अध्यक्षता कैलाश जी मेघवाल ने बड़े हर्ष उल्लास से की, जहां स्वर्गीय भैरों सिंह जी ने 1952 में ही अपना नाम जमाया, जिसे स्वर्गीय मोहन लाल जी सुखाड़िया, कमलाजी बेनीवाल और परस रामजी मदेरणा जैसे दिग्गजों ने उस समय से सुशोभित किया, उसी सदन में गुरुवार जैसी शर्मनाक घटना हो तो इससे स्पष्ट है कि भारत अभी तक विकसित क्यों नहीं हुआ, और देश को विश्व की प्रथम श्रेणी में पहुंचाने के लिए रुकावट कहां से आ रही है।'

हरीश चौधरी पर भड़के खाचरियावास

प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि 'ठाकुर सबकी प्यास बुझाता है, वह सबको प्रेम का पानी पिलाता है। चाहे उसको घर टूटा हो या हवेली छोटी हो। उन्होंने कहा, "दलित, शोषित, पीड़ित और जो सबसे पीछे दर्द में खड़ा होता है। उसके दर्द को मिटाने के लिए ठाकुर निकलता है, गांव के चौक, चौराहे पर खड़ा होकर मरने की ताकत रखता है। वही तो ठाकुर का कुआं है।'

पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'ठाकुर के कुएं ने क्या गुनाह कर दिया? ठाकुर के कुएं ने जो सबसे बड़ा काम किया है वह अपने देश के लिए, धरती के स्वाभिमान के लिए, सच्चाई के लिए और हमेशा आगे बढ़कर गला कटाने का काम किया है।'

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'ठाकुर का कुआं ऐसा…'

कांग्रेस नेता खाचरियावास ने कहा कि हम उनको गलत बताना चाह रहे हैं, जो सबके लिए जीता है और सबके लिए मरता है। इतना ही नहीं वह जाति धर्म से ऊपर उठकर अपने गांव और देश के लिए, अपनी मां बहन के सम्मान के लिए लड़ता और मरता है। उन्होंने कहा कि यही तो ठाकुर का कुआं है।

भगवान राम, बुद्ध, गुरु रैदास और राज हरिश्चंद्र का जिक्र करते हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी यह देश जाति और धर्म के नाम पर नहीं बांटा सकता है। उन्होंने कहा कि ठाकुर का कुआं ऐसा जहां पर जाट, राजपूत, ब्राह्मण, बनिया, एसटी, एससी सब उसको अपना मानते हैं।

राजनीति चमकाने में लगे लोग- खाचरियावास

प्रताप सिंह खाचरियावास ने हरीश चौधरी पर हमला बोलते हुए कहा कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए लोकसभा और विधानसभा में खड़े होकर झूठ बोलते हैं, यह देश के लिए सबसे बड़ा धोखा है। उन्होंने कहा कि देश को बांटने का अधिकार न कांग्रेस को और न ही बीजेपी को है। हमें जातिगत मर्यादा रखनी पड़ेगा। यहां पर सिर्फ राजनीति का चमकाने का लिए कुछ लोग गलत भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में घेरा

वहीं निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने हरीश चौधरी के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि 'कांग्रेस विधायक ने महल और किलों की बात की है तो मैं कहना चाहूंगा कि ये किले, यह महल शौर्य और गाथा के प्रतीक हैं। यह किले, ये महल अर्पण, समर्पण और तर्पण के प्रतीक हैं। जब कभी मुगल आक्रांताओं के हमले हुआ करते थे तो हमारी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए यही किले और महल काम आया करते थे। यह किले मुश्किल समय में उन शरणगतों को शरण देने के लिए काम आया करते थे।'

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