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PatrikaSpeakup: भीड़ के कारण परकोटा छोड़ रहे, बसों के समय की परेशानी.. पढ़िए जयपुरवालों की समस्याएं, उनकी जुबानी..

कोई भीड़ के कारण परकोटे का पुश्तैनी मकान छोड़ रहा, बसों के समय के बदलाव के बारे में लोगों ने बताया, एआई पढ़ने वाले बच्चों ने बताई खूबियां... पत्रिका में हुए नए बदलाव के बाद स्पीक अप के जरिए लोगों ने शहर के बारे में सुझाव बताए, समस्याएं रखी और खुलकर प्रतिक्रियाएं दी। पढ़िए लोगों ने क्या कुछ कहा...

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जयपुर

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Ravesh Gupta

Apr 06, 2023

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पत्रिका में किए गए नए बदलाव के बाद जयपुर के आम लोगों को अब अपनी समस्याएं, प्रतिक्रियाएं और सुझाव खुलकर सामने रखने का मौका मिल रहा है। सिटी के नए पेज ज्यादा उपयोगी, पाठक के लिए ज्यादा रोचक और खास बनाया गया है। केवल पत्रिका में अखबार में खबर पढ़ने के बाद अब फेसबुक के माय सिटी ग्रुप के जरिए लोगों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है।
यहां लोगों ने लगातार अलग अलग मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं, सुझाव और समस्याएं बताई हैं। इस बदलाव में स्पीक अप प्रॉपर्टी के जरिए लोगों से एक खास सवाल पर उनकी जवाब मांगे जा रहे हैं। जयपुर के पाठक बढ़ चढ़ कर इस अभियान में हिस्सेदारी ले रहे हैं और शहर की बेहतर तस्वीर के लिए जमकर जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।

शहर के मुद्दे प्रॉपर्टी में शहर के किसी खास मुद्दे पर एक्सपर्ट्स की राय रखी जा रही है। शहर के बड़े मुद्दों पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

जयपुर ने क्या क्या कहा....
मुद्दा - मानसरोवर में दुकानदारों को नोटिस

निगम ने जो नोटिस जारी किए हैं, उसके विरोध में सोमवार को बाजार बंद रहेगा। व्यापारी पैदल मार्च भी निकालेंगे। व्यापारियों में डर और रोजगार की ङ्क्षचता भी सता रही है।
-मुकेश लख्यानी, संरक्षक, रामतीर्थ व्यापार मंडल

मध्यम मार्ग पर नौ बाजार हैं। सभी वकीलों के माध्यम से कोर्ट में याचिका लगाएंगे। जो तथ्य निगम पेश नहीं कर पाया है, उनसे कोर्ट को अवगत कराएंगे। व्यापारियों के साथ न्याय की उम्मीद है।
-मनोज पांडे, संरक्षक, सद्भावना व्यापार मंडल

मुद्दा - एआई क्लासेज
आने वाला समय इसी तकनीक का है। ऐसे में स्कूलों और निजी इंस्टीट्यूट पर छोटी कक्षाओं के बच्चे ड्रोन, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी एडवांस तकनीक को सीख रहे हैं।
-अमित मेहरा, एक्सपर्ट
स्कूल में हर सप्ताह एक बार क्लास लगती है। मैं ड्रोन सीख रहा हूंं। इस नई तकनीक के बारे में जानकर उत्साहित हूं।
-लक्ष्य कुमार, मालवीय नगर


मुद्दा - परकोटे से पलायन
मेरे घर के बाहर कच्चा हुआ करता था। हम वहीं खेलकर बड़े हुए हैं। अब तो निकलने की जगह नहीं बची है। जगतपुरा में मकान लिया है। जल्द ही वहां शिफ्ट होंगे।
-अमित शर्मा, नाहरगढ़ रोड
पार्किंग की बड़ी दिक्कत है। रिश्तेदार भी आने से कतराते हैं। इस कारण अब परकोटे के बाहर घर खरीदा है। जाने का मन तो नहीं करता लेकिन अब यहां हालात रहने लायक नहीं।
-लक्ष्य पारीक, चौड़ा रास्ता

मुद्दा - लो फ्लोर बसों के टाइमटेबल में बदलाव
मैं रोजाना टोंक फाटक से जयसिंहपुरा खोर जाती हूं। अभी 40-50 मिनट में बस मिलती है। बहुत दिक्कत होती है।
- भावना, स्टूडेंट
मुझे नायला जाना है। 50 मिनट से टोंक फाटक पर खड़ा हूं, बस नहीं आई है। एक अप्रेल से बस और देरी से मिलेगी तो परेशानी बढ़ जाएगी।
- हंसराज, कर्मचारी

मुद्दा - क्या वीवीआईपी मूवमेंट के लिए शहरी प्रशासन को नई व्यवस्था बनानी चाहिए ताकि आमजन परेशान न हो?


प्रमुख मार्गों को डायवर्ट करने से अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
-एडवोकेट बाबूलाल मीणा मालवीय नगर
लोगों को नए रूट के बारे में जानकारी न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। रूट डायवर्ट के कारण भटकाव की स्थिति हो जाती है।
-राकेश मीणा जगतपुरा
जयपुर में अन्य शहर से आए हुए लोगों को मार्ग बदलने से ज्यादा परेशानी होती है। विदेशी पर्यटक भी जाम के कारण दुबारा आने से कतराते हैं।
-मुकेश वर्मा बरकत नगर

मुद्दा - मोबाइल ऐप बताएगा कितनी देर में आएगी आपके बच्चे की स्कूल बस
बेवजह मुझे बस का इंतजार नहीं करना पड़ता है। बस आने से पहले अलर्ट आता है। इसके लिए अलग रिंग बजती है। अलर्ट मैसेज आने के पांच से सात मिनट में बस आ जाती है।
-दीप्ति राजावत, झोटवाड़ा
मेरा बच्चा 12वीं का छात्र हैं। मैं सुबह ऑफिस चला जाता हूं। जब वो स्कूल बस में चढ़ता है तो मेरे मोबाइल पर मैसेज आता है। स्कूल में पहुंचने पर भी अलर्ट मैसेज आता है। ऐसे ही मैसेज छुट्टी के वक्त आता है।
-प्रदीप सिंह, विद्याधर नगर


मुद्दा - ट्रैफिक सिग्नल पुराने, वाहन चालकों को दिखते नहीं


जयपुर शहर में यातायात की व्यवस्था बहुत ही खराब है। ट्रैफिक सिग्नल बहुत पुराने हैं। ऐसे में चौराहों पर सिग्नल दिखाई नहीं देते। कारण है कि सडक़ें ऊंची हो गई हैं और सिग्नल छोटे हो गए हैं। इससे वाहन चालकों को बहुत परेशानी हो रही है। इसके अलावा किसी वाहन के आगे कोई बस चल रही है तो भी सिग्नल दिखाई नहीं देते। ऐसे में वाहन चालक गलती से रेड लाइट क्रॉस कर लेता है तो यातायात पुलिसकर्मी छुपकर खड़े रहते हैं और पकड़ कर चालान कर देते हैं। इस दौरान कई बार वाहन चालक हड़बड़ी में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। ऐसे में पुलिसकर्मियों का काम सिर्फ चालान कर टारगेट पूरा करना नहीं होना चाहिए, उन्हें शहर के यातायात को सुगम बनाना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर इन दिनों देखने को मिल रहा है कि शहर में स्कूटर या मोटरसाइकिल को मोडिफाइड कर अवैध रूप से लोडिंग वाहन बना लिए हैं। वे अपनी मनमर्जी से कहीं भी किसी भी तरह किसी भी दिशा में सामान लेकर आ-जा रहे हैं। इससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। शहर में वाहन बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढऩी चाहिए। इसी प्रकार यातायात पुलिस की ओर से शहर के प्रमुख चौराहों पर यातायात नियमों की जानकारी दी जानी चाहिए।
सतीश जैन ,अध्यक्ष, जयपुर ट्रांसपोर्ट एसोसि.

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