
Rajkumar Sharma
जयपुर. नवलगढ़ विधायक राजकुमार शर्मा (Nawalgarh MLA Rajkumar Sharma) ने खुद के खिलाफ मकान पर कब्जा करने की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बुधवार को प्रेसवार्ता कर अपना पक्ष रखा। विधायक राजकुमार ने कहा कि गांधी नगर स्थित उक्त मकान मांगीलाल शर्मा का था। इस मकान में आचार्य द्विजेश शर्मा उनके भाई व माता-पिता कई दशक से रह रहे थे। वर्ष 1982 में उक्त मकान आचार्य की भांजी राज्यश्री गौतम और उनके पति डॉ. शिव गौतम ने खरीदा और दोनों के नाम रजिस्ट्री हुई। मकान खरीदने में आचार्य के परिवार की रकम भी लगी। रजिस्ट्री में आचार्य के परिवार को मकान में किराएदार बताया गया और उनसे कब्जा खाली करवाने की जिम्मेदारी डॉ. गौतम व राज्यश्री दी गई। आचार्य ने ही ट्रस्ट बनाया था और ट्रस्ट की जिम्मेदारी विधायक व आचार्य के शिष्य व उनकी देखभाल करने वाले कमलकांत शर्मा को दी।
उक्त मकान में ट्रस्ट संचालित करने का संकल्प भी दिलाया। यहां तक कि राजकुमार और कमलकांत के बेटे को अपनी वसीयत में उत्तराधिकारी भी बनाया। जमवारामगढ़ स्थित जमीन पर ट्रस्ट की तरफ से ही मंदिर बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं तीन वर्ष से इस मकान में निर्माण चल रहा था, तब भी डॉ. गौतम व उनके परिवार ने विरोध नहीं किया। आचार्य की मृत्यु के बाद जो उन पर आरोप लगाए गए, वे सब निराधार हैं। आचार्य की मृत्यु के बाद सारी रस्म उनके पुत्र ने की तब भी डॉ. गौतम और उनके परिजन ने विरोध नहीं किया। विधायक (MLA Rajkumar Sharma) ने आरोप लगाया कि सिविल लाइंस के मकान में डॉ. गौतम रह रहे हैं, वह आचार्य के नाम से था। कालवाड़ क्षेत्र में आचार्य की जमीन थी, जिसे डॉ. गौतम ने अपने नाम करवा लिया। इसके दस्तावेज निकलवा रहे हैं कि डॉ. गौतम ने फर्जीवाड़ा कर दोनों सम्पत्ति खुद के नाम करवाई या आचार्य ने की। फर्जीवाड़ा निकलने पर आचार्य का उत्तराधिकारी होने के नाते उनका पुत्र कानूनी लड़ाई लड़ेगा।
साजिश के तहत हर काम किया
उधर, डॉ. शिव गौतम और उनकी पत्नी राज्यश्री गौतम ने बुधवार को प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि मकान उन्होंने खरीदने के बाद राज्यश्री का परिवार होने के नाते मकान में आचार्य व उनके परिजन को रहने दिया। कमलकांत शर्मा व विधायक राजकुमार ने मकान हड़पने के लिए साजिश पहले से शुरू कर दी थी, लेकिन वे उनकी साजिश को समझ नहीं सके। विधायक ने आचार्य के साथ किए हर कार्य का वीडियो बनाया।
रामायण के पाठ करवाए, जिसमें आचार्य से खुद के संबंध में कहलवाया, जिसका उन्होंने विरोध किया। यहां तक की आचार्य की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार से लेकर बाद में किए गए सभी कार्यों की फोटो खींचे व वीडियो बनवाए। आचार्य की सम्पत्ति के दस्तावेज सहित उनके खुद के मकान के दस्तावेज गायब हैं। ट्रस्ट की आड़ में किसी के मकान पर कब्जा कर लो। इस संबंध में मुख्यमंत्री से चार बार समय मांगा, लेकिन मुख्यमंत्री ने एक बार भी समय नहीं दिया। वहीं गांधी नगर थाना पुलिस ने बुधवार को एफआईआर को जांच के लिए पीएचक्यू में सीआईडी के पास भिजवा दिया।
Published on:
13 Apr 2023 01:18 am
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