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राजस्थान के बीजेपी MLA की नहीं जाएगी सदस्यता, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक; जानें मामला

BJP MLA Kanwarlal Meena: राजस्थान के अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को SDM पर रिवॉल्वर तानने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

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BJP MLA Kanwar Lal Meena

पत्रिका फाइल फोटो

BJP MLA Kanwarlal Meena: राजस्थान के अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बारां जिले में 20 साल पहले SDM पर रिवॉल्वर तानने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन साल की सजा के बाद मिले सरेंडर के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन लगा दिया है। इसके साथ ही मीणा की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने की संभावनाओं पर फिलहाल विराम लग गया है।

भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस सतीश शर्मा की सिंगल बेंच में हुई, जिसमें उनकी ओर से फौजदारी मामलों के विशेषज्ञ अधिवक्ता नमित सक्सेना ने पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के सरेंडर आदेश पर रोक लगाते हुए स्पष्ट किया कि कंवरलाल मीणा को फिलहाल आत्मसमर्पण नहीं करना होगा।

कांग्रेस ने सदस्यता खत्म करने की मांग की

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने से कुछ ही घंटे पहले कांग्रेस ने बड़ा राजनीतिक हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्थान विधानसभा सचिवालय को ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने मांग की कि तीन साल की सजा पाए विधायक की सदस्यता तुरंत रद्द की जाए।

डोटासरा ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष को स्वतः संज्ञान लेते हुए विधायक की सदस्यता रद्द करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने न तो कार्रवाई की और न ही विपक्ष की बात सुनी। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की सजा पर विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।

विधानसभा सदस्यता पर टली तलवार

हालांकि सुप्रीम कोर्ट की रोक से विधायक मीणा को तत्काल राहत मिल गई है और उनकी सदस्यता फिलहाल बनी रहेगी, लेकिन आपराधिक पृष्ठभूमि और न्यायालय की टिप्पणियां उनके लिए चिंता का विषय बनी रहेंगी। अदालत ने साफ कहा कि एक जनप्रतिनिधि से कानून का पालन करवाने की अपेक्षा थी, लेकिन उन्होंने स्वयं कानून तोड़ा।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला साल 2005 का है, जब विधायक कंवरलाल मीणा की तत्कालीन SDM रामनिवास मेहता से तीखी बहस हो गई थी। आरोप है कि इस दौरान मीणा ने अपनी रिवॉल्वर निकालकर SDM की कनपटी पर तान दी और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इसके अलावा, घटना का वीडियो बना रहे वीडियोग्राफर की कैसेट निकालकर तोड़ दी गई थी।

हालांकि, 2018 में एसीजेएम कोर्ट मनोहरथाना ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। लेकिन मामला एडीजे कोर्ट में पहुंचा, जहां साल 2023 में तीन साल की सजा सुनाई गई। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा था और विधायक को आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए थे।

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