
विधानसभा के प्रमुख सचिव पद पर अब सेवानिवृत्त जज की भी नियुक्ति
अरविन्द सिंह शक्तावत
जयपुर. राज्य विधानसभा में प्रमुख सचिव पद के लिए राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय किया है। इस पद पर अब सेवारत ही नहीं, सेवानिवृत्त जजों को भी लगाया जा सकेगा। विधानसभा के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने हरी झंडी दे दी है। अब सेवानिवृत्त जज को पांच साल के लिए विधानसभा के प्रमुख सचिव पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इस संशोधन को लेकर गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। राज्य सरकार ने राजस्थान विधानसभा सचिवालय (भर्ती तथा सेवा की शर्तें ) नियम में संशोधन किया है। संशोधन के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को यह शक्ति दी गई है कि यदि वे चाहें तो जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर के सेवानिवृत्त अधिकारी, जो सुपर टाइम स्केल प्राप्त कर चुका हो। उसके पास विधानसभा या फिर संसदीय कार्य विभाग में कार्य करने का अनुभव हो। उस सेवानिवृत्त न्यायाधीश को प्रमुख सचिव के पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। यह नियुक्ति अधिकतम पांच साल या फिर 70 साल की आयु होने तक की जा सकेगी।
वर्तमान में सेवानिवृत्त जज ही प्रमुख सचिव
विधानसभा में वर्तमान में प्रमुख सचिव के पद पर सेवानिवृत्त जज महावीर शर्मा कार्यरत हैं। शर्मा प्रमुख विधि सचिव के पद भी काम कर चुके हैं। शर्मा को 2021 में सचिव पद पर नियुक्त किया गया था। बाद में इस पद को प्रमोट कर प्रमुख सचिव का पद किया गया। विधानसभा अध्यक्ष रह चुके कैलाश मेघवाल ने सेवानिवृत्त जज पृथ्वीराज को भी एक साल के लिए सचिव पद पर नियुक्त किया था। अब सरकार ने सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति के आधिकारिक रास्ते खोल दिए हैं।
सेवारत जज को लगाने की यह है प्रक्रिया
यदि विधानसभा में सेवारत जज को लगाया जाता है तो उसकी एक प्रक्रिया है। इसके तहत विधानसभा एक पत्र हाईकोर्ट को लिखता है। हाईकोर्ट या तो तीन जिला जज का पैनल भेजता है या किसी एक का नाम विधानसभा सचिवालय को भेजा जाता है। विधानसभा अध्यक्ष प्रमुख सचिव के लिए आने वाले पैनल में से किसी एक नाम पर सहमति जताते हैं। फिर प्रमुख सचिव पद पर जज की नियुक्ति होती है।
Published on:
09 Aug 2023 12:49 pm
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