
Mandi tax exempted in Arhar
आम आदमी पर महंगाई की मार दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। आलम ये है कि बीते पन्द्रह दिनों में अरहर के दामों में दस से पन्द्रह रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है। दालों के बढ़ते दाम से व्यापारी भी चिंतित नजर आ रहे है। अरहर दाल के 15 मार्च को औसत दाम 105 रुपए थे, जो 20 अप्रेल को बढ़कर 120 रुपए हो चुके हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं दाल के दाम
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश प्रमुख दलहन उत्पादक राज्य हैं। कर्नाटक में सूखा और महाराष्ट्र, मप्र में असमय हुई बारिश से फसल खरीब हुई। खरीफ फसल में दलहन पैदावार के अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक अरहर दाल 2020-21 में 43 लाख टन का उत्पादन हुआ। वहीं, पिछले साल में 42 लाख टन का। इस साल 2022-23 में 36 लाख टन का उत्पादन रहने की उम्मीद है।
सरकार उठाएगी कड़े कदम
गुप्ता का कहना है कि लगातार स्टॉकिस्ट, इंपोटर्स और ट्रेडर्स को स्टॉक डिस्क्लोजर के लिए कहने पर कुछ स्टॉक तो बाहर आए हैं। लेकिन, घोषित स्टॉक और इम्पोर्ट का अन्तर अधिक है। ऐसे में सरकार ज्यादा सख्त रवैया अपना सकती है। गुप्ता ने कहा कि अरहर और उड़द की दाल का संकट जुलाई तक रहेगा। अरहर में पहले 48 लाख टन पैदावार का अनुमान लगाया था, जो घटाकर 38 लाख टन कर दिया है। इसलिए हमारी निर्भरता अफ्रीका और म्यामांर पर हो गई है। पहले उम्मीद थी कि म्यामांर से आयात करके दामों को नियंत्रित कर लिया जाएगा। लेकिन, म्यामांर में भी स्टॉकिस्ट सक्रिय हो गए है।
Published on:
20 Apr 2023 11:10 am
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