
उद्योग विभाग: निवेश बढ़ा का भरोसा बढ़ा, लेकिन बुनियादी ढांचा अब भी बड़ी चुनौती
राइजिंग राजस्थान समिट में 35 लाख करोड़ के एमओयू, 8 लाख करोड़ पर काम शुरू, पर सवाल वही कितने प्रोजेक्ट पूरे हुए
जयपुर.
प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए सरकार ने पिछले दो वर्ष में कई नीतिगत और प्रशासनिक सुधार लागू किए हैं। राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हुए, जिनमें से करीब 8 लाख करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर काम शुरू होने की बात सरकार कह रही है। फिर भी औद्योगिक पार्क, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) और फ्लैटेड फैक्टरी जैसे बुनियादी ढांचे की धीमी प्रगति बड़ी चुनौती बनी हुई है। निवेशकों का भरोसा तो बढ़ा है, लेकिन कई घोषणाएं अभी भी जमीन पर उतरने का इंतजार कर रही हैं।
यह हुआ पहली बार…
राइजिंग राजस्थान समिट: राज्य में सबसे बड़ा निवेश आयोजन हुआ, जिसमें 32 देशों के निवेशक और 16 कंट्री पार्टनर शामिल हुए।
प्रवासी राजस्थानी दिवस: 10 दिसंबर को पहली बार प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाया गया, जिसका उद्देश्य देश-विदेश में बसे राजस्थानियों को जोड़ना है।
क्या पूरा, क्या अधूरा
- सिंगल विंडो-वन स्टॉप शॉप: 149 अनुमतियों के लक्ष्य के मुकाबले 172 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन की गईं, जिससे निवेश-रेडी छवि बनी
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट: निवेश मॉनिटरिंग के लिए पीएमयू सक्रिय है और नियमित ट्रैकिंग की जा रही है
- फ्लैटेडफैक्टरी: जयपुर के सीतापुरा में शुरुआत हुई, लेकिन एनसीआर बेल्ट में प्रोजेक्ट लंबित है
- औद्योगिक नीतियां: 22 नीतियों में सुधार, 3 नई स्वीकृत और 9 ड्राफ्ट चरण में हैं
- औद्योगिक पार्क: कई जगह कार्य प्रारंभ, पर गति धीमी
- निजी पार्कों में सीईटीपी: योजना अब तक स्वीकृत नहीं हो सकी।
- लॉजिस्टिक पार्क: घोषित दो पार्कों के अलावा कुछ और विकसित हुए, लेकिन पूर्ण नहीं
- सीधा भूमि आवंटन: 3,491 भू-खंड प्रत्यक्ष आवंटन से दिए गए।
- एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी): 171 लाभार्थियों को 8.39 करोड़ रुपए का वितरण।
- यूनिटी मॉल: रीको ने 15,187 वर्गमीटर भूमि आवंटित की, केंद्र से 202 करोड़ की स्वीकृति।
औद्योगिक प्रगति का नया रोडमैप
- एक इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स बने
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में प्रदेश को टॉप-5 राज्यों में लाने पर फोकस हो
- अटल प्रगति पथ, भटिंडा-अजमेर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के आसपास इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बने
- मेहसाणा-भटिंडा-गुरदासपुर गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को गति मिले
- स्पाइस प्रोसेसिंग पार्क के साथ मेगा टेक्सटाइल पार्क, लेदर, फार्मा, हैंडीक्राफ्ट, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क जैसे बड़े औद्योगिक केंद्र विकसित हों
- जयपुर आइटी पार्क को सुविधाओं के साथ साइबर सिटी के रूप में बदला जाए।
- ईवी और ऑटो कॉम्पोनेन्ट पार्क स्थापित किए जाएं।
इनसे सीखें: औद्योगिक मॉडल में गुजरात नजीर
- सबसे तेज गति वाला औद्योगिक मॉडल
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सफल उदाहरण
- अनुमतियों की तेज प्रणाली और सिंगल विंडो में समयबद्ध मंजूरी
- गिफ्ट सिटी देश का पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र
उपलब्धियां भी, तैयारी भी:राज्यवर्धन सिंह राठौड़, उद्योग मंत्री
सवाल: दो वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही?
जवाब: समिट में 35 लाख करोड़ के एमओयू, 32 देशों की भागीदारी और 8 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हुआ। 33 नए औद्योगिक क्षेत्र बने और 3100 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को मजबूती मिली।
सवाल: औद्योगिक विकास मॉडल कैसे आगे बढ़ रहा है?
जवाब: क्लस्टर आधारित विकास, ग्रीन ग्रोथ और सरल प्रोत्साहन प्रणाली पर फोकस है। टेक्सटाइल, सिरेमिक, फार्मा और सोलर सेक्टर में अच्छी प्रगति हुई है।
सवाल: इंडस्ट्री 4.0 के लिए क्या तैयारी है?
जवाब: ईवी, ड्रोन, डिफेंस, एयरोस्पेस और रिन्यूएबल सेक्टर के लिए अलग पार्क और स्किल हब विकसित किए जा रहे हैं।
Published on:
17 Dec 2025 06:13 pm
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