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Rajasthan News : राजस्थान में नए CM काउंटडाउन के बीच अचानक हनुमान बेनीवाल की चर्चा क्यों? जानें बड़ी वजह

MP and MLA Hanuman Beniwal Latest News : राजस्थान में इस वक्त सबसे हॉट टॉपिक 'कौन होगा नया सीएम' बना हुआ है। जहां देखों वहां इसी बात को लेकर चर्चा हो रही है और जितने मुंह उतने नाम संभावित सीएम को लेकर चलाये जा रहे हैं। इन सभी के बीच आरएलपी पार्टी के सांसद और विधायक पद पर बने हुए हनुमान बेनीवाल भी चर्चा में बने हुए हैं।

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rlp leader hanuman beniwal acting both as mla and mp in news

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सर्वे-सर्वा हनुमान बेनीवाल एक ही समय में विधायक और सांसद, दोनों बने बैठे हैं। वे राजस्थान विधानसभा चुनाव के हालिया घोषित परिणाम के बाद खींवसर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं, जबकि नागौर की लोकसभा सीट से सांसद पद से इस्तीफा नहीं देने के चलते सांसद भी बने हुए हैं। ऐसे में अब चर्चाएं इस बात तक की होने लगी हैं कि क्या बेनीवाल सांसदी छोड़कर विधायक का ज़िम्मा संभालेंगे या फिर कोई 'मास्टर स्ट्रोक' खेलकर विधायकी त्यागकर सांसदी बरकरार रखेंगे?

संसद की कार्यवाही में हो रहे शामिल
3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित होने को सप्ताह भर से ज़्यादा का समय बीत गया है। लेकिन हनुमान बेनीवाल ने अभी तक संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। वे लोकसभा में सोमवार की कार्यवाही ना सिर्फ शामिल ही हुए बल्कि वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों व वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगो पर हुई चर्चा में राजस्थान सहित देश के प्रमुख मुद्दों को सदन में उठाया भी।

विधायक बने तीन सांसद दे चुके इस्तीफा
हनुमान बेनीवाल को छोड़ सांसद से विधायक चुने गए राजस्थान के तीन नेता अपनी सांसदी पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और दिया कुमारी लोकसभा सांसद पद से तो डॉ किरोड़ी लाल मीणा राज्य सभा सांसद पद से इस्तीफा दे चुके हैं। ये तीनों विधायक अपने-अपने क्षेत्र से भाजपा पार्टी से सांसद रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर इन सभी नेताओं ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर अब विधायक बन गए हैं।

सांसदी के बचे हैं महज़ 5 माह
नागौर से सांसद बनने के बाद हनुमान बेनीवाल ने 23 मई 2019 को औपचारिक रूप से सांसद पद पर ज़िम्मा संभाल लिया था। 5 साल के अनुसार उनका कार्यकाल 23 मई 2024 को पूरा होना है। ऐसे में उनके पास लगभग पांच माह का कार्यकाल शेष रह गया है।

अगला कदम क्या... सस्पेंस बरकरार
विधायक चुने जाने के एक हफ्ते बाद तक सांसदी पद से इस्तीफा नहीं देना और संसद की कार्यवाही में लगातार शामिल होने के बीच हनुमान बेनीवाल को लेकर भी अब कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। क्या वे सांसद पद से इस्तीफा देते हैं या अचानक कोई मास्टर स्ट्रोक खेलकर सभी को हैरान कर देते हैं, इस पर आरएलपी पार्टी समेत राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक में चर्चाएं हो रही हैं। यहां तक की पार्टी नेताओं और खुद हनुमान बेनीवाल तक ने चुप्पी साधी हुई है। ऐसे में बेनीवाल के अगले कदम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।


क्या हैं संवैधानिक प्रावधान?
- संविधान के अनुच्छेद 101(2) के मुताबिक, अगर कोई लोकसभा का सदस्य विधानसभा का चुनाव लड़ता है और जीत जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर किसी एक सदन से इस्तीफा देना ज़रूरी होता है। इसी तरह अगर किसी विधानसभा का सदस्य लोकसभा का सदस्य बन जाता है तो उसे भी 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना ज़रूरी रहता है। अगर वो ऐसा नहीं करता तो उसकी लोकसभा की सदस्यता स्वतः ही खत्म हो जाती है।

विधायकी से इस्तीफा तो क्या?

अगर कोई सांसद संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देते हैं और विधायकी पद छोड़ देते हैं, ऐसी स्थित में उनकी सीट पर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे। जानकारी के अनुसार रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट 1996 की धारा 151A के तहत विधानसभा की खाली हुई सीट पर चुनाव आयोग को 6 महीने के भीतर चुनाव कराने होते हैं।