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खुशखबर… राजस्थान में मकान से ऊपर नहीं होगी सड़क, CM भजनलाल की चिंता के बाद विभाग ने बनाई ये नीति

नगरीय विकास विभाग ने सड़कों के नवीनीकरण के लिए 'मिल एंड फिल' नीति लागू करने के निर्देश दे दिए हैं।

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cm bhajanlal sharma

Photo- CM Bhajanlal Sharma X Handle

राजस्थान के शहरों में ऊंची सड़क और नीचे मकान की समस्या दूर होगी। सड़क की मौजूदा परत हटाए बिना डामर या कंक्रीट की नई परत बिछाने पर रोक (कुछ श्रेणियों को छोड़कर) लगा दी गई है। नगरीय विकास विभाग ने सड़कों के नवीनीकरण के लिए 'मिल एंड फिल' नीति लागू करने के निर्देश दे दिए हैं। अब नई डामर या कंक्रीट की परत बिछाने से पहले पुरानी परत को हटाना अनिवार्य होगा।

इससे मकान और सड़क का लेवल हमेशा एक जैसा बना रहेगा। जो सड़क उखाड़ी जाएगी, उसके मैटेरियल को सड़क निर्माण में रि-यूज किया जाएगा। फिलहाल इसके दायरे में 45 प्रतिशत सड़कें आएंगी। विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास न्यास, आवासन मण्डल अब इसी आधार पर काम करेंगे। अनुबंधित कंपनियों को भी अपने प्लांट को इसी तर्ज पर अपग्रेड करना होगा।

मुख्यमंत्री की चिंता के बाद चेते…

सीएम भजनलाल शर्मा ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर कहा था कि डामर की परत दर परत चढाने से भवनों का लेवल नीचे हो रहा है। लोग परेशान है और प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग हो रहा है।

इन पर होगा काम

-ऐसी सडक जो ज्यादा उपयोग में नहीं आ रही, वहां की डामर की परत को उखाड़ा जाएगा।

-जिन सड़कों का नवीनीकरण करना है, वहां पहले पुरानी लेयर हटेगी।

चार तरीके से रि-यूज..

-सर्विस रोड के बेस निर्माण में
-मुख्य सड़क के बेस निर्माण में
-सर्विस रोड की ऊपरी परत में
-मुख्य सड़क की ऊपरी परत में

सभी का फायदा

  1. जनताः मकान के प्लिंथ लेवल के ऊपर तक सड़क का लेवल होता जा रहा है। मकान, दुकानों के अंदर बारिश का पानी भरता है। भवनों के प्रवेश द्वार पर दीवार बनानी पड़ती है। इससे इन प्रॉपर्टी कीमत कम हो गई। लेवल हमेशा एक जैसा रहेगा तो इन समस्या से निजात मिलेगी।
  2. प्राधिकरण, यूआइटीः उखाड़े गए मैटेरियल को दोबारा उपयोगी बना सकेंगे। नए के साथ पुराना मैटेरियल मिलेगा तो लागत भी कम आएगी।
  3. सरकारः जनता और संगठनों में के प्रति विश्वास सिरकार के पति से स्वास बढ़ेगसंगठन सरकारों को ज्ञापन देते रहे हैं।

एनएचएआइः एनएचएआइ पहले ही इसी नीति पर काम कर रहा है। उनके अनुसार, पुनर्नवीनीकरण डामर की गुणवत्ता 100 प्रतिशत नए डामर जितनी ही होती है। इसके लिए कोल्ड मिलिंग और हॉट रिसाइकलिंग तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

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