
Jaipur Latest News : सवाई मानसिंह अस्पताल में गत वर्ष फरवरी में करीब 50 करोड रुपए की लागत से लाए गए दो रोबोट से की जाने वाली सर्जरी और उनके पैकेज आज तक तय नहीं हो पाए हैं। जनरल सर्जरी और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में इनसे सर्जरी की गई, जो काफी सफल भी रही हैं। लेकिन अभी इनका इस्तेमाल मरीज की जरूरत और स्वयं के विवेक से ही कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने रोबोट स्थापित होने के कुछ समय बाद ही चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजकर इनके उपयोग की गाइडलाइन और दिशा-निर्देश मांगे थे। रोबोटिक सर्जरी का शुल्क तय नहीं होने का नतीजा यह है कि अभी भी इसका शुल्क सामान्य सर्जरी की तरह ही लिया जा रहा है। जिससे अस्पताल की मेडिकल रिलीफ सोसायटी को भी चपत लग रही है।
प्रदेश के मरीजों को नहीं होगा नुकसान, अस्पताल को फायदा
अस्पताल में राजस्थान के निवासियों का इलाज मुख्यतया राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत किया जाता है। जिसमें इलाज की राशि का पुनर्भरण बीमा कंपनी करती है। शुल्क तय होने पर सामान्य सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी का दावा अधिक राशि के लिए होगा। ऐसे में प्रदेश के मरीज को नुकसान नहीं होगा, लेकिन अस्पताल को फायदा होगा। यह राशि रोबोट के रखरखाव में काम आ सकेगी। इसी तरह दूसरे राज्यों से एसएमएस अस्पताल में आकर सर्जरी कराने वाले मरीजों से भी रोबोटिक सर्जरी का पृथक शुल्क लिया जा सकेगा। बजट तय नहीं होने से भविष्य में वारंटी और गारंटी खत्म होने के बाद इनके रख-रखाव पर भी संकट बना हुआ है।
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एक मुख्य भवन तो दूसरा सुपर स्पेशियलिटी में
एक रोबोट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और दूसरे को मुख्य भवन में इंस्टॉल किया गया था। इसके बाद अलग-अलग विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की ट्रेनिंग शुरू की गई। मार्च माह से रोबोट से जटिल सर्जरी भी शुरू की गई थी, जो अभी तक जारी है।
रोबोटिक सर्जरी की रूपरेखा बनने पर इसका शुल्क तय हो सकेगा। बीमा कंपनी से रोबोटिक सर्जरी का अधिक दावा कर सकेंगे। रोबोट के रखरखाव में यह पैसा काम आएगा। जल्द ही यह गाइडलाइन आने की उम्मीद है।
- डॉ.अचल शर्मा, अधीक्षक, सवाईमानसिंह अस्पताल स्पेशियलिटी
Published on:
20 Feb 2024 08:12 am
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