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जोधपुर में इंटरनेट बंद से अटकी रोटी

शहर में साम्प्रदायिक उपद्रव के बाद सरकार ने जोधपुर में इंटरनेट बंद कर दिया। शनिवार को पांचवा दिन था। इंटरनेट बंद होने से सर्वाधिक परेशानी सुदूर ग्रामीण इलाकों मेें हैं जहां चूल्हे ठण्डे होने के कगार पर आ गए हैं। इंटरनेट बंद होने से इनके तवों पर रोटी नहीं सिक रही है। ये लोग जल्द से जल्द शांति व सद्भाव की प्रार्थना कर रहे हैं ताकि इंटरनेट शुरू हो और इन्हें दो जून की रोटी की मिल सके।

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Jodhpur Curfew Internet LIVE Update - कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में नेटबंदी के बावजूद चल रहा मोबाइल इंटरनेट, जाने कैसे

Jodhpur Curfew Internet LIVE Update - कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में नेटबंदी के बावजूद चल रहा मोबाइल इंटरनेट, जाने कैसे

जोधपुर.

शहर में साम्प्रदायिक उपद्रव के बाद सरकार ने जोधपुर में इंटरनेट बंद कर दिया। शनिवार को पांचवा दिन था। इंटरनेट बंद होने से सर्वाधिक परेशानी सुदूर ग्रामीण इलाकों मेें हैं जहां चूल्हे ठण्डे होने के कगार पर आ गए हैं। इंटरनेट बंद होने से इनके तवों पर रोटी नहीं सिक रही है। ये लोग जल्द से जल्द शांति व सद्भाव की प्रार्थना कर रहे हैं ताकि इंटरनेट शुरू हो और इन्हें दो जून की रोटी की मिल सके।

दरअसल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एनएफएसए के अंतर्गत राशन की दुकानों से गेहूं का वितरण ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से पोस मशीनों पॉइंट ऑफ सेल के माध्यम से होता है। राशन डीलर अपने मोबाइल इंटरनेट से पोस मशीनें चलाते हैं। सरकार हर महीने की शुरुआत में अगले महीने का गेहूं एडवांस देती है। एक मई से जून के गेहूं का वितरण शुरू हो गया था लेकिन जोधपुर में दो दिन गेहूं वितरण के बाद 3 मई को इंटरनेट बंद हो गया। कर्फ्यू शहर के केवल दस पुलिस थाना क्षेत्रों में है लेकिन इंटरनेट पूरे जिले में बंद पड़ा है। पांच दिनों से एनएफएसए से जुड़े जोधपुर के 21 लाख परिवार नेट शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

केवल 8 प्रतिशत गेहूं का वितरण

● जोधपुर में मई के दो दिन में राशन की दुकानों से 7.80 प्रतिशत गेहूं का वितरण हुआ है।

● जिले के बापिणी, लोहावट व फलोदी में तो एक प्रतिशत से भी कम लाभार्थियों ने गेहूं लिया था। इसके बाद कर्फ्यू लग गया था।

● जबकि प्रदेश के कई जिलों में आधे से अधिक लोगों ने अपने हिस्से का गेहूं ले लिया।

● बूंदी में अब तक 64.19 प्रतिशत, झुंझनूं में 56.49 प्रतिशत, जयपुर में 51.47 प्रतिशत, दौसा में 51.16 प्रतिशत, कोटा में 49.65 और हनुमानगढ़ में 49.51 प्रतिशत लोग गेहूं ले चुके हैं।

21.19 लाख लाभार्थी हैं पूरे जिले में

303616 लाख सर्वाधिक लाभार्थी है जोधपुर शहर में

हम एक-दो दिन और देख रहे हैं। अगर नेट शुरू नहीं होता है तो सरकार से मार्गदर्शन लेकर अन्य विकल्प से गेहूं का वितरण किया जाएगा।

अनिल पंवार, जिला रसद अधिकारी जोधपुर

जोधपुर में राशन का गेहूं वितरण
10442 मीट्रिक टन गेहूं का वितरण होता है हर महीने 7.80 प्रतिशत केवल गेहूं वितरित हुआ है मई के दो दिन में 1274 राशन की दुकानें है जिले में 486175 परिवार लेते हैं राशन का गेहूं

1274 राशन की दुकानों पर सन्नाटा

जोधपुर जिले में राशन की 1274 दुकानें हैं। शहर में 265 दुकानें है। बीते पांच दिनों से यहां सन्नाटा पसरा है। लोग गेहूं लेने आते हैं लेकिन खाली हाथ लौट जाते हैं। सरकार एनएफएसए के अंतर्गत लाभार्थियों को 2 रुपए किलो गेहूं देती है। प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने 5 किलो गेहूं मिलता है। इस समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का 5 किलो गेहूं अतिरिक्त नि:शुल्क दिया जा रहा है। ऐसे में हरेक व्यक्ति को अपने हिस्से के 10 किलो गेहूं का इंतजार है।