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Govt Jobs 2023: चुनावी साल में गहलोत सरकार फिर लाई भर्तियां, बदले कुछ नियम

RPSC Assistant Professor Recruitment 2023: राजस्थान लोक सेवा आयोग की कॉलेज शिक्षा विभाग में जारी की गई 1913 सहायक आचार्यों की भर्ती पर विवाद शुरू हो गया है।

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जयपुर

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Nupur Sharma

Jun 26, 2023

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जयपुर। RPSC Assistant Professor Recruitment 2023: राजस्थान लोक सेवा आयोग की कॉलेज शिक्षा विभाग में जारी की गई 1913 सहायक आचार्यों की भर्ती पर विवाद शुरू हो गया है। चुनावी साल में जल्दबाजी के कारण भर्ती यूजीसी के पुराने अधिनियम से निकाल दी, जबकी भर्ती को नए अधिनियम से पूरी कराने की कवायद चल रही थी। उच्च शिक्षा विभाग ने भी यूजीसी अधिनियम 2018 से भर्ती निकालने की सिफारिश आरपीएससी को की थी। प्रक्रिया में देरी होने, कॉलेजों में रिक्त पदों को जल्दी भरने और चुनावी साल के कारण भर्ती को पुराने ही अधिनियम से निकाल दिया गया।

पुराने अधिनियम:
सभी पात्र अभ्यर्थी परीक्षा में बैठते हैं। मेरिट बनती है और इंटरव्यू के बाद अभ्यर्थियों का चयन होता है।


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नए अधिनियम:
नए अधिनियम में अभ्यर्थी के एकेडमिक स्कोर को प्राथमिकता दी गई है। स्नातक, स्नातकोत्तर, एमफिल, पीएचडी, नेट और जेआरएफ, नेट, रिसर्च पेपर पब्लिकेशन, शिक्षण का अनुभव और अवॉर्ड का अलग-अलग स्कोर तय होता है। स्कोर के आधार पर प्राथमिकता मिलती है। इससे योग्य अभ्यर्थी ही दौड़ में आ पाते हैं।

बड़ा सवाल: 1 ही राज्य में 2 नियम कैसे
विश्वविद्यालयों में सहायक आचार्य की भर्ती यूजीसी अधिनियम 2018 के तहत हो रही है। वहीं, राजकीय कॉलेजों में विद्या संबल योजना के तहत सहायक आचार्यों का चयन भी नए अधिनियम के आधार पर हो रहा है। कॉलेजों में यह भर्ती पुराने अधिनियम से हो रही है। सवाल है कि भर्ती के लिए दो अलग-अलग नियम क्यों हैं।


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सरकार को पता है यूूजीसी के अधिनियम 2018 के तहत ही यह भर्ती होनी थी। इसके बावजूद चुनावी साल में दिखावे के लिए पुराने नियमों से भर्ती निकाली। कोई भी आसानी से भर्ती पर कोर्ट जाकर स्टे ला सकता है। सरकार बेरोजगारों से छलावा कर रही है। -वासुदेव देवनानी, विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री