17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कौशल प्रशिक्षण में फर्जीवाड़े पर नकेल, प्रशिक्षण प्रदाता को देना होगा प्लेसमेंट का सबूत, नहीं तो एमओयू रद्द

कौशल प्रशिक्षण में फर्जीवाड़े पर नकेल, नियुक्ति पत्र और सैलेरी स्लिप करानी होगी मुहैया  

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Deepshikha

Jan 06, 2020

Skill Development

Skill Development

जयपुर. प्रदेश में कौशल विकास के नाम पर प्लेसमेंट में फर्जीवाड़ा करने वाले प्रशिक्षण प्रदाताओं (टीपी) के खिलाफ सरकार मुकदमा दर्ज कराने और एमओयू रद्द करने की कार्रवाई करेगी। प्लेसमेंट को लेकर ऐसी अनियमितता उजागर होने के बाद सरकार ने प्रशिक्षण प्रदाताओं पर नकेल कसने के लिए नियमों को सख्त किया है। अब प्रशिक्षणार्थी को नौकरी दिलाने के बाद यह प्रशिक्षण प्रदाता की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित नियोक्ता का नियुक्ति पत्र और वेतन संबंधी जानकारियों के दस्तावेज भी सरकार को मुहैया कराएगा।

अब तक सिर्फ प्रशिक्षणार्थी के शपथ पत्र और टीपी के काउंटर साइन के आधार पर ही मान लिया जाता था कि उसे किसी संस्थान में प्लेसमेंट मिल गया है। सरकार ने हाल ही इस बारे में नए नियम जारी किए हैं। इनमें सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आने पर संबंधित प्रशिक्षण प्रदाता के एमओयू रद्द करने और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने तक के प्रावधान किए गए हैं।

Read More: राजस्थान में कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों पर अनियमितता, 30 प्रशिक्षण प्रदाताओं पर होगी कार्रवाही

ऑफिस में बैठे की जिओ टैग्ड फोटो

कौशल एवं आजीविका विकास निगम ने नियमों को इतना सख्त किया है कि अब प्रशिक्षण प्रदाता को सबूत के तौर पर प्लेसमेंट पाने वाले संस्थान में प्रशिक्षणार्थी की जिओ टैग्ड फोटो भी देनी होगी। इसके अलावा नियोक्ता का नियुक्ति पत्र, ज्वॉइनिंग लैटर, तीन माह की सैलेरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट और उपस्थिति पंजिका के दस्तावेज भी देने होंगे। निगम इन दस्तावेजों का संबंधित नियोक्ता से सत्यापन कराएगा।

...अगर इनकार तो कार्रवाई

सत्यापन के दौरान यदि नियोक्ता प्लेसमेंट या प्रशिक्षणार्थी के बारे में दस्तावेज देने से अनविज्ञता जताता है तो कारण बताओ नोटिस से लेकर उचित कानूनी कार्रवाई तक कर सकेगी।

एनएसडीसी से स्वतंत्र जांच भी

निगम ने प्रशिक्षण प्रदाताओं के केन्द्रों की थर्ड पार्टी निरीक्षण का प्रावधान भी किया है। इसके तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम से प्राधिकृत एजेंसियों के जरिए औचक निरीक्षण कराए जाएंगे।

यह था मामला

सितम्बर माह में प्रदेश भर में निगम के निरीक्षणों में कौशल विकास केन्द्रों पर प्लेसमेंट संबंधी एवं अन्य अनियमितता पाई गई थीं। हाल ही इनमें से तीस प्रशिक्षण प्रदाताओं की राशि में से कटौती और रिकवरी का फैसला निगम ने किया है।

सरकार के निर्देश पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए नए प्रावधान किए गए हैं। इससे प्रदेश में कौशल प्रशिक्षणों की गुणवत्ता सुधारी जा सकेगी।

डॉ. समित शर्मा, एमडी- आरएसएलडीसी