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जयपुर

पर्यटन निगम के पास 2 हजार करोड की संपत्ति ,,,,,,,न राजस्व न विधिक राय विशेषज्ञ

आरटीडीसी नहीं कर पा रहा 2 हजार करोड से ज्यादा की संपतियों का सही तरीके से निस्तारणउदयपुर के जयसमंद होटल को लीज पर देने में हो चुकी है सरकार की किरकिरी

जयपुरAug 24, 2021 / 08:43 am

Punit kaushik

जानें, कैसा होगा राजस्थान में स्पिरिच्युअल टूरिज्म

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जयपुर।
राजस्थान पर्यटन निगम की अपनी राज्य व राज्य के बाहर 2 हजार करोड से ज्यादा की संपत्त्यिां हैं। लेकिन इन संपत्त्यिों का बाजार भाव से निस्तारण के लिए न राजस्व अधिकारी है और न ही विधि विशेषज्ञ। अभी निगम में तैनात लिपिक ही संपत्त्यिों का भाव निर्धारण कर रहे हैं। जिस पर निगम के ही अधिकारी आपत्त्यिां उठा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार लगभग सभी विभागों में राजस्व व विधिक राय विशेषज्ञ होते हैं या फिर सरकार से तहसीलदार और विधि परामर्शी डेप्यूटेशन पर लिए जाते हैं। लेकिन निगम में ऐसा नहीं हो रहा है।
उदयपुर के जयसमंद होटल को लीज पर देने से पहले न होटल की संपत्त्त्यि का सही तरीके से निर्धारण हुआ न ही विधिक राय उचित तरीके से ली गई। जैसा लिपिक स्तर से पत्रावली पर राय मिली उस पर अमल करते हुए होटल को महज 10 हजार रुपए महीने की लीज पर दे दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि लीज पर होटल लेने के बाद उसके हेरिटेज स्वरूप को खराब कर दिया गया और कई जगह से इसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया। मामले में आरटीडीसी प्रशासन की किरकिरी भी हुई है।
राजस्थान पर्यटन निगम के अधिकारियों के अनुसार उदयपुर के जयसमंद होटल को लीज पर देने का कदम निगम के लिए किरकिरी भरा रहा। अब निगम अन्य 36 होटलों को भी लीज पर देने की तैयारी कर रहा है। लेकिन लीज पर कैसे दी जाएं इसके लिए एक टीम का होना जरूरी है। क्योंकि कमजोर शर्तों का फायदा लीज पर लेने वाला उठाएगा और फिर उदयपुर जैसे हालातों का निगम को सामना करना पडेगा।

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