
सलूंबर में दलित शिक्षक शंकर लाल मेघवाल की गला काटकर हत्या के मामले में मंगलवार को सरकार की ओर से सदन में दिए गए जवाब से नाखुश विपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट किया। इस मामले को लेकर जमकर हंगामा और तकरार हुई। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने विपक्ष की मांग पर मंगलवार को सदन में सरकार की ओर से जवाब देने व्यवस्था दी थी।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सरकार की ओर से सदन में जवाब दिया और कहा कि अनुसंधान चल रहा है, उसके बाद मुआवजे की स्थिति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कन्हैया लाल की तरह शंकर लाल मेघवाल को भी 50 लाख रुपए मुआवजे की विपक्ष की मांग पर कहा कि कन्हैयालाल और शंकर लाल की हत्या की तुलना नहीं की जा सकती है, जिस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हत्या, हत्या होती है, इसमें अंतर मत करो। जूली ने कहा कि जब कन्हैया लाल की हत्या हुई थी, तब हमारी सरकार ने 50 लाख रुपए का मुआवजा और दो बच्चों को सरकारी नौकरी दी थी। शंकर लाल दलित हैं, उसके परिवार को भी 50 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार को नौकरी दी जाए।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि सोमवार को हमने मुआवजे की मांग की थी, उस पर सरकार का कोई जवाब नहीं आया है, अगर सरकार मुआवजे पर जवाब नहीं देगी तो हम सदन से बहिगर्मन करेंगे। स्पीकर ने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने स्पीकर से कहा कि अब तक की वस्तुस्थिति और जो अनुसंधान चल रहा है उसकी रिपोर्ट हमने सदन में रख दी है। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते सदन से वॉकआउट कर गए।
Published on:
31 Jul 2024 09:32 am
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