
दिल्ली के कार्यक्रम में सचिन पायलट
Sachin Pilot: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में 'राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत को न केवल कहा, बल्कि जिया भी। इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर (IICC) में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पायलट ने कहा कि पाकिस्तान जाने वाले भारतीय नेताओं की सूची में कई नाम हैं, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी का नाम कभी इस सूची में नहीं रहा।
इस कार्यक्रम में पायलट ने कहा कि उन्हें कई बार पाकिस्तान जाने के आमंत्रण मिले, लेकिन उन्होंने यह निर्णय लिया कि जाना उचित नहीं होगा। ‘राष्ट्र प्रथम’ कहना आसान होता है, लेकिन उस पर अमल करना कठिन। मनमोहन सिंह ने हमेशा उस पर अमल किया।
कार्यक्रम में योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, और डॉ. सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी ने भी डॉ. सिंह को याद किया। उनकी बेटी और इतिहासकार उपिंदर सिंह तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी इस मौके पर मौजूद थे।
सचिन पायलट ने 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब देशहित का सवाल आया, तो मनमोहन सिंह ने राजनीतिक जोखिम उठाने से परहेज नहीं किया। उन्होंने अपनी सरकार दांव पर लगा दी, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि यह भारत के लिए सबसे बेहतर होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह को सिर्फ अर्थशास्त्री के तौर पर नहीं, एक संवेदनशील और समाजवादी दृष्टिकोण वाले प्रधानमंत्री के रूप में भी याद किया जाना चाहिए। उनके कार्यकाल में ही किसानों की कर्जमाफी, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), और गरीबी उन्मूलन की कई योजनाएं लागू की गईं।
सचिन पायलट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों पर मनमोहन सिंह के बयान को याद करते हुए कहा कि कौन प्रधानमंत्री ऐसा साहस दिखाता है कि कहे, ‘मेरा सिर शर्म से झुक गया है’। यह दिखाता है कि वह कितने संवेदनशील और ईमानदार नेता थे।
कार्यक्रम में पंकज पचौरी ने कहा कि डॉ. सिंह कभी भी धर्म को शासन या नीतियों में स्थान नहीं देते थे। वहीं, राजीव शुक्ला ने कहा कि उन्होंने 26/11 मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया, लेकिन उसका प्रचार नहीं किया।
बताते चलें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर, 2024 को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और इससे पहले 1991 में वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने भारत में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी थी, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर नई दिशा दी।
Updated on:
02 May 2025 11:38 am
Published on:
02 May 2025 11:37 am
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