script

पहली शादी के बाद दूसरी करना विधि विरूद्ध, दूसरा विवाह शून्य घोषित

locationजयपुरPublished: May 22, 2022 12:18:02 am

Submitted by:

Gaurav Mayank

पारिवारिक न्यायालय कोटा में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत याचिका दायर की थी। इसमें बताया कि उसका विवाह अहमदाबाद हाल कोटा निवासी युक्ति गौतम के साथ 31 अक्टूबर 2017 को कोटा में हुआ। लेकिन उक्त लड़की पूर्व में ही 19 जनवरी 2017 को अहमदाबाद में विशेष विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत मैरिज ऑफिसर अहमदाबाद के समक्ष विवाह कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुकी।

पहली शादी के बाद दूसरी करना विधि विरूद्ध, दूसरा विवाह शून्य घोषित

पहली शादी के बाद दूसरी करना विधि विरूद्ध, दूसरा विवाह शून्य घोषित

जयपुर। पारिवारिक न्यायालय क्रम-2 कोटा ने अपने एक फैसले में प्रथम विवाह के विच्छेद के लिए कस्टमरी डीड द्वारा तलाक को अवैध मानते हुए दूसरी शादी को शून्य घोषित किया है।

अधिवक्ता मनोज जैन व पूजा हाड़ा ने बताया कि प्रार्थी मयंक शर्मा ने उनके विधिक निर्देशन में पारिवारिक न्यायालय कोटा में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत याचिका दायर की थी। इसमें बताया कि उसका विवाह अहमदाबाद हाल कोटा निवासी युक्ति गौतम के साथ 31 अक्टूबर 2017 को कोटा में हुआ। लेकिन उक्त लड़की पूर्व में ही 19 जनवरी 2017 को अहमदाबाद में विशेष विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत मैरिज ऑफिसर अहमदाबाद के समक्ष विवाह कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुकी। युक्ति गौतम एवं उसके पिता अनिल गौतम, मां मंजू गौतम, नानी गीता देवी, बहन आर्ची शर्मा तथा जीजा ने षड्यंत्रपूर्वक युक्ति गौतम का विवाह मयंक से करा दिया, जो कि शून्य घोषित किए जाने योग्य है। हिंदू विधि के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक से अधिक विवाह नहीं कर सकता है, जब तक कि पूर्व विवाह का विधि सम्मत विच्छेद ना हुआ हो या पूर्व विवाह के पक्षकार की मृत्यु ना हो गई हो।
इसके जवाब में अप्रार्थियां ने न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया था। इसमें बताया कि उसने प्रथम विवाह के लगभग 4 माह बाद ही कस्टम से विवाह विच्छेद प्राप्त कर लिया था। इसकी जानकारी मयंक एवं उसके परिवार को दी थी। अहमदाबाद पारिवारिक न्यायालय से उसे डिक्लेरेशन भी प्राप्त हो चुका है। जिस पर पारिवारिक न्यायालय क्रम-2 कोटा ने सारे सबूतों और गवाहों के आधार पर फैसला सुनाते हुए युक्ति गौतम एवं उसके परिजन ने पूर्व विवाह की जानकारी प्रार्थी मयंक शर्मा को न दिए जाने के तथ्य को सही पाया। पूर्व विवाह के विच्छेद के लिए अप्रार्थियां की ओर से बनाए स्टांप पर तलाक के करार को विधि विरुद्ध करार देते हुए प्रार्थी के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायालय ने प्रार्थी के साथ किए विवाह को विवाह दिनांक से ही शून्य घोषित करने का फैसला सुनाया।

ट्रेंडिंग वीडियो