
राज्य के प्रशासन को चलाने वाला सचिवालय एक जनवरी से पेपरलेस हो जाएगा। मुख्य सचिव उषा शर्मा की निगरानी में एक महीने तक कार्मिक समेत अन्य विभागों में ई-फाइलिंग सिस्टम के लिए किया गया ट्रायल रन सफल रहा है। पहले चरण में 40 से ज्यादा विभागों ने ई-फाइलिंग सिस्टम के जरिए पत्रावलियां चलाना शुरू कर दिया है। अब मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं कि 1 जनवरी से उनके कार्यालय में सभी पत्रावलियां ई-फाइलिंग सिस्टम के जरिए ही भेजी जाएं। अभी तक 7 हजार पत्रावलियां इस सिस्टम के जरिए चलाई जा चुकी हैं और सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय भी किए हैं।
सीएस ने ई-फाइलिंग को निकाला ठंडे बस्ते से
एक माह पहले सचिवालय में कार्मिक विभाग के एक कक्ष में आग लग गई थी। जिससे आइएएस अफसरों से जुड़ी महत्वपूर्ण पत्रावलियां जल गईं। इसके बाद मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव हेमंत गेरा को ई-फाइलिंग सिस्टम को ठंडे बस्ते से निकालने के आदेश दिए। कार्मिक विभाग में ट्रायल रन शुरू हुआ। इसके नतीजों को देख मुख्य सचिव ने इसे तुरंत अन्य विभागों में भी लागू करने के आदेश दिए।
तीन हजार से ज्यादा को ट्रेनिंग
मुख्य सचिव के आदेश पर आईटी विभाग के एक्सपर्ट सक्रिय हुए। अक्टूबर में चरणबद्ध तरीके से सचिवालय में एलडीसी से लेकर संयुक्त सचिव, एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिवों के पीए,पीएस समेत 3 हजार से ज्यादा कार्मिकों को ई-फाइलिंग सिस्टम की ट्रेनिंग दी गई।
ऐसे काम करता सिस्टम
● प्रत्येक कार्मिक की एसएसओ आइडी बनाई गई है। पत्रावली शुरू करने के लिए एसएसओ आइडी के जरिए नोटशीट बनती है।
● मूल पत्र नोटशीट के साथ अटैच किया जाता है और फिर पत्रावली पर सैक्शन ऑफिसर से लेकर मुख्य सचिव तक ओके,प्लीज स्पीक या अन्य टिप्पणी अंकित की जाती है।
● फाइल क्लीयर होने पर एसएसओ आइडी ई-मेल बॉक्स में फाइल आती है और महत्वपूर्ण निर्णय के आदेश जारी होते हैं।
● सचिवालय के 15 प्रशासनिक विभागों में 2735 और सचिवालय के बाहर के विभागों में 5 हजार से ज्यादा पत्रावलियां ई-फाइलिंग सिस्टम पर चल चुकी हैं।
ये होंगे फायदे
● कोई भी कार्मिक अपने लॉगिन से कहीं से भी काम कर सकता है।
● काम की रफ्तार बढेगी तो सरकार जल्दी जनहित में निर्णय ले सकेगी।
● लालफीताशाही, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
Published on:
26 Nov 2022 10:25 pm
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