ग्रेटर निगम ने पिछड़े वार्डों को आगे लाने के लिए अतिरिक्त बजट की घोषणा की है। विकसित वार्ड से अविकसित वार्ड को डेढ़ करोड़ रुपए ज्यादा मिलेगा। अविकसित और विकसित वार्ड का चयन जोन अभियंताओं की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। निगम की ओर से जो सर्वे करवाया गया है, उसमें वार्ड की […]
ग्रेटर निगम ने पिछड़े वार्डों को आगे लाने के लिए अतिरिक्त बजट की घोषणा की है। विकसित वार्ड से अविकसित वार्ड को डेढ़ करोड़ रुपए ज्यादा मिलेगा। अविकसित और विकसित वार्ड का चयन जोन अभियंताओं की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। निगम की ओर से जो सर्वे करवाया गया है, उसमें वार्ड की सीवर लाइन, सड़कों की स्थिति से लेकर उद्यान संधारण, सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था और कचरा संग्रहण का ध्यान रखा गया है।
ये मानक तय
-वार्ड की कॉलोनियों में 70 फीसदी से कम सीवर लाइन होने पर
-कॉलोनियों में सड़क का निर्माण 80 फीसदी से कम होने पर
-पार्कों का रखरखाव 80 फीसदी से कम होने पर
-स्ट्रीट लाइट 80 फीसदी से कम होने पर
इसका समाधान क्या
मई में ही ग्रेटर निगम ने एक आदेश निकाला जिसमें साफ लिखा है कि निगम अपने स्वामित्व की भूमि, हस्तांतरित क्षेत्र की अनुमोदित कॉलोनियों में विकास कराए। जबकि, जो वार्ड अविकसित की सूची में शामिल हैं, इनमें से ज्यादातर शहर के बाहरी इलाकों में हैं और यहां की कॉलोनियां जेडीए के अधीन आती हैं। वहीं, सैकड़ों कॉलोनियां ऐसी हैं जो गैर अनुमोदित हैं। वहां पर जेडीए भी विकास कार्य नहीं करवा रहा है और नए आदेश के तहत निगम भी नहीं करवाएगा।