6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मानसून में शर्मनाक घटनाएं : घुटनों तक पानी में निकली शवयात्रा तो इधर दाह संस्कार में ही टांगना पड़ गया तिरपाल

ये राजस्थान के हाल हैं....एक जगह मुक्तिधाम तक जाने के लिए रास्ता नहीं तो दूसरी जगह मुक्तिधाम में टीनशेड नहीं

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Rajesh Dixit

Aug 26, 2024

जयपुर। मानसून कहीं खुशी दे रहा है तो कहीं दर्द भी लेकर आता है। बांधों के लबालब होने और गेट खुलने की उम्मीदों के बीच यही मानसून कई गांवों में कहर बनकर उभरा है। पिछले दो दिनों में "मिट्टी को मिट्टी" में मिलने से पहले पानी से दो-चार होना पड़ा है। शवयात्रा के दौरान घुटनों तक पानी से निकलना पड़ा तो वहीं तिरपाल टांगकर दाह संस्कार करना पड़ा।

जान जोखिम में डालकर शव को मुक्तिधाम तक ले जाने की मजबूरी
झालावाड़ जिले के सुनेल क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिरपोई के गांव खेड़ा सनोरिया में सोमवार को ग्रामीण खाळ में बहते हुए पानी में जान जोखिम में डालकर मुक्तिधाम पहुंचे और दाह संस्कार किया। ग्रामीण बद्री शर्मा ने बताया कि सोमवार तडक़े गांव की कमलाबाई का निधन हो गया। मुक्तिधाम तक जाने के लिए रास्ता नहीं है। ऐसे में मजबूरी में खाळ के बहते पानी को पार कर मुक्ति धाम तक पहुंचे और दाह संस्कार किया। ग्रामीणों का कहना है कि कई सालों से मुक्तिधाम में जाने के रास्ते की मांग करते आ रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं करता।

तिरपाल लगाकर करना पड़ा अंतिम संस्कार
बूंदी जिले के नैनवां उपखण्ड के फूलेता गांव में रविवार को एक महिला की मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार करने में स्थानीय लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। गांव के मुक्तिधाम पर टीनशेड की कमी के कारण परिवार और गांववासी बारिश के बीच अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा करने में मजबूर हुए।