मैच के तीसरे दिन भारतीय टीम 186 रन पर ६ विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। ऐसे में सुंदर और शार्दुल ने मोरचा संभाला। इन दोनों का विकेट लेने के लिए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के पसीने निकल गए और उन्हें करीब 36 ओवर बाद सफलता मिली।
गाबा मैदान पर शार्दुल-सुंदर ने भारत की ओर से सातवें विकेट के लिए 123 रन जोड़े। पहले यह रेकॉर्ड कपिल देव और मनोज ्रप्रभाकर के नाम था। दोनों ने 30 साल पहले यहां सातवें विकेट के लिए 58 रन की साझेदारी की थी।
वाशिंगटन पदार्पण टेस्ट में तीन विकेट और 50 से ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बने। इससे पहले, यह रेकॉर्ड दत्तू फडकर के नाम था। 1947-48 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर फडकर ने सिडनी टेस्ट में डेब्यू किया और 51 रन बनाए के साथ तीन विकेट चटकाए।
ुदिसंबर 1911 के बाद ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पदार्पण टेस्ट में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए वाशिंगटन सुंदर सर्वाधिक स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्होंने अपनी पारी का 45वां रन बनाने के साथ यह कमाल किया।