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Anang Trayodashi Story जब शिवजी ने कामदेव को कर दिया भस्म, रति ने लगाई गुहार तो दिया ये आशीर्वाद, जानें अनोखी कथा

अगहन यानि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का बहुत महत्व है. इसे अनंग त्रयोदशी कहा जाता है और इस दिन व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि अनंग त्रयोदशी का व्रत प्रेमी-प्रेमिका के लिए सबसे ज्यादा अहम है। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करने से प्रेम संबंध प्रगाढ होते हैं।

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Shiv Kamdev Rati Story Anang Trayodashi Vrat Katha Kamdev Rati Story

Shiv Kamdev Rati Story Anang Trayodashi Vrat Katha Kamdev Rati Story

जयपुर. अगहन यानि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का बहुत महत्व है. इसे अनंग त्रयोदशी कहा जाता है और इस दिन व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि अनंग त्रयोदशी का व्रत प्रेमी-प्रेमिका के लिए सबसे ज्यादा अहम है। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करने से प्रेम संबंध प्रगाढ होते हैं।

अनंग त्रयोदशी पर कामदेव तथा रति की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। स्वयं शिवजी ने इस दिन व्रत रखकर पूजन करनेवालों के प्रेम संबंध मधुर बने रहने का वरदान दिया था. अनंग त्रयोदशी व्रत कथा में इस संबंध में विस्तार से बताया गया है. कथा के अनुसार एक बार तारकासुर नामक असुर ने स्वर्ग लोक पर कब्जा कर लिया। उसके अत्याचार से तीनों लोक में त्राहि-त्राहि मच गई। देवताओं को मालूम चला कि तारकासुर का अंत शिवजी के हाथों से ही हो सकता है पर उस समय वे ध्यान मग्न थे।

ध्यानरत शिवजी को जगाने का किसी में भी साहस नहीं था। तब देवताओं ने इस कार्य में कामदेव से मदद मांगी। कामदेव ने अपनी पत्नी रति के साथ भगवान शिव का ध्यान भंग कर दिया। इससे क्रोधित शिवने अपने तीसरे नेत्र से कामदेव का भस्म कर दिया। अपने पति कामदेव का यह हश्र देखकर रति रोते हुए शिवजी से गुहार लगाने लगीं। इस पर भगवान शिव पिघले और कामदेव को पुनः जीवित करने का वरदान दिया।

उन्होंने रति से कहा वे अभी अनंग हैं, अर्थात बिना शरीर के हैं। द्वापर युग में वे दोबारा सशरीर होकर भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र के रूप में जन्म लेंगे । शिवजी ने रति से यह भी कहा कि सृष्टि चक्र चलाने के लिए कामदेव और तुम मनुष्य के हृदय में प्रवेश करके काम और प्रेम बढ़ाने का काम करते रहोग। उन्होंने यह आशीर्वाद भी दिया कि अनंग त्रयोदशी के दिन शिव-पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा करनेवालों के प्रेम संबंध सफल होंगे।


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