
उत्तर प्रदेश के मथुरा से शुरू होकर राजस्थान होते हुए मध्य प्रदेश के उज्जैन के बीच "श्री कृष्ण गमन पथ" (Shri Krishna Gaman Path) बनेगा। श्री कृष्ण गमन पथ के बनने से धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा लाभ राजस्थान को मिलेगा। पर्यटन की दृष्टि से जयपुर, दिल्ली, मथुरा-आगरा गोल्डन ट्राइंगल के रूप में चर्चित हैं। जहां देश-विदेश के बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं।
राजस्थान में गत वर्ष करीब 17 करोड़ और आगरा रीजन में साढ़े 10 करोड़ देशी-विदेशी ट्यूरिस्ट भ्रमण पर आए। श्री कृष्ण गमन पथ के बनने के बाद सैलानी (ट्यूरिस्ट) दिल्ली से जयपुर, आगरा-मथुरा होते हुए उज्जैन तक सैर कर सकेंगे। इस सर्किट में धार्मिक और एतिहासिक स्थलों को सैलानी देख सकेंगे।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही "श्री कृष्ण गमन पथ" (Shri Krishna Gaman Path Way) बनाने की घोषणा की है। यदि मुख्यमंत्री अपनी इस घोषणा पर तेजी से काम कराएं तो तेजी से पर्यटन बढ़ेगा। हालांकि इस घोषणा के बाद देवस्थान और पर्यटन विभाग के अधिकारी तैयारी में जुट गए हैं। "श्री कृष्ण गमन पथ" करीब 800 किलोमीटर लम्बा होगा। इसमें से करीब 500 किलोमीटर रूट राजस्थान के 6 जिलों से होकर गुजरेगा।
इस गमन पथ में मथुरा से उज्जैन तक के छोटे बड़े 30 से अधिक मंदिरों शामिल होंगे। सरकार राजस्थान 7 बड़े मंदिरों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करेगी। इनमें भरतपुर, डीग, करौली, बूंदी, कोटा और झालावाड़ जिले शामिल हैं। इस धार्मिक सर्किट में कई किले और अन्य एतिहासिक स्थल भी आएंगे, जिन्हें भी पर्यटक देख सकेंगे।
प्रदेश में गत वर्ष 2023 में 17 करोड़ 90 लाख पर्यटकों ने भ्रमण किया। इनमें विदेशियों की संख्या 16 लाख 99 हजार रही।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के मुताबिक वर्ष 2023 में आगरा रीजन में 10 करोड़ 50 लाख पर्यटक आए। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 11 लाख रही। श्रीकृष्ण गमन पथ बनने से यह ट्यूरिस्ट भी राजस्थान की ओर आएंगे।
मथुराः श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर, प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, माधवेंद्र घाट, श्यामा श्याम धाम, राधा रमण, गोपी नाथ, वृन्दावन छप्पन भोग, निधिवन, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर।
छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन पथ योजना की शुरुआत की थी। इस परियोजना के तहत, भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े कुल 75 स्थलों को विकसित किया जाना है। इसके लिए 162 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया गया है। इसके पहले चरण 10 स्थानों पर काम चल रहा है।
इनमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-साऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर), रामाराम (सुकमा) और चंपारण्य (रायपुर) शामिल हैं। इन जगहों पर मंदिरों का जीर्णोद्धार और सड़क-रेस्ट हाउस जैसी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
Updated on:
31 Aug 2024 11:25 am
Published on:
31 Aug 2024 11:10 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
