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समाजसेवा कर नेकी की हसरतों को कर रहे पूरा : मात्र ₹ 11 में हो रही शादी, तो कोई विधवाओं को दे रहा ₹ 800 प्रतिमाह

शहर का बिसायती समाज अपनी बिरादरी की विधवा-बेसहारा महिलाओं के लिए पिछले कई सालों से काम कर रहा है। समाज अध्यक्ष अब्दुल मुकीम ने बताया कि पात्र महिलाओं को हर माह 800 रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

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जयपुर

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Abdul Bari

Oct 26, 2022

समाजसेवा कर नेकी की हसरतों को कर रहे पूरा : मात्र ₹11 में हो रही शादी, तो कोई विधवाओं को दे रहा ₹ 800 प्रतिमाह

जयपुर. राजधानी में मुस्लिम समाजजन विभिन्न संस्थाओं और संगठनो के माध्यम से सेवा कार्यों कर नेकी करने की अपनी हसरतों को पूरा कर रहे हैं। गरीब और पसमांदा तबके के लोगों की मदद के लिए कोई अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दे रहा है तो कुछ बिरादरियां विधवाओं की मदद करने आगे आ रही हैं...

बेसहारा महिलाओं को प्रतिमाह 800 रूपए की मदद

शहर का बिसायती समाज अपनी बिरादरी की विधवा-बेसहारा महिलाओं के लिए पिछले कई सालों से काम कर रहा है। समाज अध्यक्ष अब्दुल मुकीम ने बताया कि पात्र महिलाओं को हर माह 800 रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके अलावा समाज के लोगों के लिए शादियों के मौके पर कावटियों की पीपली स्थित सराय मेवाती बिसातियान मुहैया कराई जाती है, ताकि आने वाले मेहमानों को कोई परेशानी न हो। समाज के हाजी सिद्दीक ने बताया कि आने वाले फरवरी माह में फिजूलखर्ची को रोकने और समाज को एकजुट करने के लिए सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा।

एक हजार से अधिक शादियां कराईं, मात्र 11 रूपए में भी कर सकते हैं शादी

मंसूरी समाज पिछले 22 सालों से शादियों में फिजूलखर्ची को रोकने का काम कर रहा है। समाज की ओर से अब तक 35 विवाह सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। यहां मात्र 11 रूपए में भी शादी करवाने की व्यवस्था है। मंसूरी पंचायत संस्था के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको ने बताया कि अब तक एक हजार से अधिक शादियां सादगी से कराई जा चुकी हैं। घरेलू झगड़ों को रोकने के लिए पति-पत्नी की काउंसिल करके 500 से अधिक घरों को टूटने से बचाया गया है। समाज के मेधावी विद्यार्थियों के लिए अब तक 21 प्रतिभा सम्मान समारोह भी आयोजित किए जा चुके हैं।

550 बच्चों को दिखाई स्कूल की राह, महिलाओं को जोड़ा रोजगार से

मीम टीम राजस्थान में पिछले चार सालों से समाज की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और गरीब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। प्रदेशाध्यक्ष अब्दुल अलीम ने बताया कि अब तक 500 से अधिक बच्चों को सरकारी और 50 बच्चों का प्रायवेट स्कूलों में एडमिशन करा चुके हैं। प्रायवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस भी संस्था ही भरती है। टीम के आकिब खान और नादिर अली ने बताया कि इसके अलावा एक हजार महिलाओं को सिलाइ, ब्यूटिशियन, मेहंदी, कम्प्यूटर आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ चुके हैं।


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