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पहले दिया कनेक्शन अब घर तोडने की तैयारी, पढ़े एक पीडिता की गुहार…

एचआईवी पीडि़ता पर ग्राम पंचायत जुल्म ढा रही है। वहीं मकान को फोकस करते हुए कैमरे लगाए है जो गोपनीयता को भंग किया जा रहा है।

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संवेदनहीनता कहें या कुदरत का कहर कि पहले एड्स जैसी जानलेवा बीमारी ने एक महिला को घेर लिया और अब ग्राम पंचायत भी पीडि़ता पर जुल्म ढा रहे हैं।

नतीजन कई दिन से यह महिला अपने पांच बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। खास बात यह है कि 45 वर्षीय महिला को यह बीमारी उसके पति जो खुद एचआईवी पीडि़त था उससे विरासत में मिली। एेसे में महिला के सामने एक तरफ कुंआ और दूसरी तरफ खाई की स्थिति है। पिछले दिनों दबंगों ने महिला के घर के आगे मलबा डालकर रास्ता बंद कर दिया था।

सहारा देने की बजाए कर रहे गोपनीयता भंग

एचआईवी पीडि़तों को समाज की मुख्य धारा से जोडने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयत्न करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार की अनदेखी के कारण पीडि़ता के मकान को फोकस करते हुए कैमरे लगाए गए हैं। एेसे में पीडि़ता और उसके परिजनों पर लगातार निगरानी रखकर गोपनीयता को भंग किया जा रहा है।

इनका कहना है

एचआईवी पीडि़ता के साथ के साथ ग्राम पंचायत गलत और अशोभनीय व्यवहार कर ही है। मूलभूत अधिकार होने के बाद उसके परिवार की गोपनीयता भंग प्रताडि़त कर रहे हैं। पीडिता को न्याय दिलाने के लिए महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग के जरिए आवाज उठाई जाएगी। -विक्रम शर्मा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, विहान

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