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3 पेपर लीक, 8 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को जुलाई में फिर देनी होगी परीक्षा

RPSC Paper Leak: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के तीन पेपर लीक हुए थे। एसओजी की पड़ताल में सामने आया कि 24 दिसम्बर की परीक्षा के दिन पकड़े गए आरोपियों के पास 21 और 22 दिसम्बर को हुई परीक्षा के पेपर भी मिले थे।

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RPSC Paper Leak: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के तीन पेपर लीक हुए थे। एसओजी की पड़ताल में सामने आया कि 24 दिसम्बर की परीक्षा के दिन पकड़े गए आरोपियों के पास 21 और 22 दिसम्बर को हुई परीक्षा के पेपर भी मिले थे। इसके बाद आरपीएससी ने दो और पेपर निरस्त कर दिए। 8 लाख 25 हजार 16 अभ्यर्थियों को अब दोबारा परीक्षा देनी होगी। राजस्थान पत्रिका ने शनिवार के अंक में प्रकाशित खबर में खुलासा किया था कि आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने 60 दिन पहले ही पेपर लीक कर दिया था।

इसके बाद आरपीएससी जागा और पेपर निरस्त करने का निर्णय लिया। अब यह परीक्षा 30 जुलाई को दो पारियों में कराई जाएगी। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने 24 दिसम्बर ही नहीं उससे पहले 21 व 22 दिसम्बर की परीक्षा का पेपर भी गिरोह को बेचा था। कटारा ने तीन परीक्षा के लिए दो-दो सैट तैयार कराए थे। एक परीक्षा के दो सैट में से कौन सा पेपर प्रिंट होगा, यह कटारा को पता नहीं था। इसलिए उसने तीनों परीक्षा के लिए तैयार सभी छह सैट साठ लाख रुपए लेकर आरोपी शेर सिंह मीणा को सौंप दिए थे। शेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने उसके मोबाइल से बरामद किए पर्चे को परीक्षा पेपर से मिलान किया तो तीनों परीक्षा के अस्सी प्रतिशत सवाल हू-ब-हू मिले।

क्रम बदला, दूसरे सवाल किए शामिल
आरोपियों ने अपने बचाव के लिए कई जुगत लगाई थी। इसी के तहत शेरसिंह अभ्यर्थियों को बेचने के लिए जो पेपर टाइप कराया उसमें मूल पेपर के सवाल के साथ कई और सवाल शामिल किए। इसके अलावा इन सवालों के क्रम भी बदल दिए। मिलान करने पर पुलिस ने पाया कि पेपर में आने वाले सवालों के क्रम भले ही बदले हुए मिले, लेकिन वे हू-ब-हू लिखे हुए थे।
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21 दिसम्बर के पेपर से 78 और 22 दिसम्बर के पेपर से 80 सवाल मिले
पुलिस ने पहले अभ्यर्थियों से भरी बस पकड़ी थी। उनके पास पर्चा मिला था। मूल पेपर से मिलान पर 80 सवाल हू-ब-हू मिले। इसके बाद मामले में भूपेन्द्र सारण, शेर सिंह व अन्य आरोपी गिफ्तार हुए। उनकी निशानदेही पर पर्चे बरामद किए थे। आरोपियों के पास मिले पर्चों का परीक्षा पेपर से मिलान कराया गया। इसमें चौकाने वाला खुलासा हुआ। 24 दिसम्बर की तरह 21 दिसम्बर के पेपर के 78 सवाल और 22 दिसम्बर के पेपर के 80 सवाल हू-ब-हू मिले।

एसओजी ने की थी निरस्त की अनुशंसा
पड़ताल में आए तथ्यों का हवाला देते हुए एसओजी ने पेपर निरस्त करने की अनुशंसा की थी। पत्र में लिखा कि इससे आम अभ्यर्थी का राज्य सरकार एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग में विश्वास बने रहेगा और सही अभ्यर्थियों के साथ न्याय होगा। साथ ही अनुचित साधनों से परीक्षा देने वालों और पेपर लीक करने वाले गिरोह का गठजोड़ भंग होगा।
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पेपरलीक के गुनहगार जेल में होने चाहिए और यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी के सदस्यों व अध्यक्ष का चयन हो। - उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ

कटारा ने लीक किए थे 480 सवाल
वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा (सामान्य ज्ञान) का एक पेपर सौ सवालों का था। इनमें से 80 सवाल सामान्य ज्ञान के थे व 20 सवाल मनोविज्ञान के थे। कटारा के पास जिम्मेदारी 80 सवालों को लेकर ही थी। एक परीक्षा के दो सैट तैयार हुए। इनमें से किसी एक पेपर का प्रिंट कराना था। अन्तिम निर्णय का जिम्मा उसके पास नहीं था। वह सभी छह सैट के पेपर घर ले गया और उनमें शामिल 480 सवाल भांजे से कागज पर लिखवा लिए। कटारा से पेपर खरीदने के बाद शेर सिंह ने गिरोह को सभी सवालों का पर्चा गिरोह के साथ कई अभ्यर्थियों को बेच दिया।