
33 लाख विद्यार्थी बीमित, अब तक 220 बीमा प्रकरण निरस्त, 26 में चल रही कार्यवाही
जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए वर्ष 1996 से शुरू की गई विद्यार्थी दुर्घटना बीमा योजना में अब तक 6670 प्रकरण दर्ज किए गए और 6424 विद्यार्थियों के अभिभावकों को बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है। देर से प्रस्ताव मिलने, एपफआई नहीं होने, दस्तावेज पूर्ण नहीं होने, दावा प्रपऋ अधूरे होने जैसे विभिन्न कारणों से 220 प्रकरण निरस्त किए गए है और 26 प्रकरणों में कार्रवाई चल रही है। वर्ष 2019—20 के सत्र में 33 लाख 398 विद्यार्थियों का बीमा कराया गया है।
यह जानकारी विधायक मीना कंवर के विधानसभा में लगाए गए ताराकिंत प्रश्न के जवाब में दी गई। इसमें बताया गया कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये विद्यार्थी दुर्घटना बीमा योजना लागू है और इस योजना का संचालन वर्ष 1996 से किया जा रहा है तथा वर्ष 2011 में योजना का नवीनीकरण किया गया। इसमें राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा-01 से 12वीं तक अध्ययनरत समस्त विद्यार्थियों का बीमा किया जाता है। सत्र 2019-20 में राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययन कुल 33 लाख 398 विद्यार्थीयों का बीमा किया गया है।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की ओर से योजना के मानदण्डों के क्रम में ही जारी की गई पॉलिसी में उल्लेखित शर्तों/ नियमों के अनुसार ही दावे स्वीकृत / खारिज किये जाते हैं। इस उक्त योजना में प्राकृतिक रूप से मुत्यु होने पर, भगतान देय नहीं होता है। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार वर्तमान में 26 दावे प्रक्रिया में है, जिनमें जांच का कार्य जारी है, जांच उपरान्त सही पाये जाने पर नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही बीमा विभाग स्तर से की जानी है।
यह है बीमा के लाभ
बीमित विद्यार्थियों को अधिकतम 1 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। प्रत्येक अंग के लिए अलग-अलग क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित है। बीमित विद्यार्थी की मृत्यु होने अथवा दोनों हाथों या दोनों पैंरों या दोनों आंखों, एक हाथ एवं एक आंख अथवा एक पैर एवं एक आंख अथवा एक पैर एवं एक हाथ की क्षति होने पर 1-1 लाख रुपए, दुर्घटना में एक हाथ, एक पैर एवं एक आंख की क्षति होने पर 50 हजार रुपए उपरोक्त क्षतियों के अलावा अन्य शारीरिक क्षति होने पर 1 लाख रुपए, श्रवण (दोनों कानों) क्षति होने पर 50 हजार रुपए, श्रवण (एक कान) की क्षति होने पर 15 हजार रुपए, एक हाथ के अंगूठे एवं चारों उंगलियों की क्षति होने पर 40 हजार रुपए, एक हाथ के अंगूठे के अतिरिक्त चारों उंगलियों की क्षति होने पर 35 हजार रुपए, एक हाथ के अंगूठे के दोनों अंगुलिस्थियों की क्षति होने पर 25 हजार रुपए, अंगूठे की एक अंगुलिस्थि की क्षति होने पर 10 हजार रुपए, किसी उंगली की समस्त अंगुलिस्थियों की क्षति होने पर 10 हजार रुपए, दो अंगुलिस्थियों की क्षति होने पर 8 हजार रुपए एवं एक अंगुलिस्थी की क्षति होने पर 4 हजार रुपए, दोनों पांव की समस्त पुंगलियों की क्षति होने पर 20 हजार रुपए, पांव के अंगूठे की दोनों अंगुलिस्थियों की क्षति होने पर 5 हजार रुपए, पांव के एक अंगूठे की क्षति पर 2 हजार रुपए, अंगूठे के अतिरिक्त पांव की एक या अधिक अंगुलियों की क्षति होने पर 1 हजार रुपए प्रति अंगुली, 50 प्रतिशत से अधिक जलने पर 50 हजार रुपए, 40 प्रतिशत से अधिक जलने पर 40 हजार रुपए, 30 प्रतिशत से अधिक जलने पर 30 हजार रुपए, दुर्घटना में आयी चोट परिणामस्वरूप 24 घंटे चिकित्सालय में भर्ती रहने पर 5 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान है।
Published on:
06 Mar 2020 11:28 am
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