
परिजनों के साथ खुशी मनाती फराह।
कहते हैं कि सफलता किसी की बपौती नहीं होती, वरन पुरुषार्थ की चेरी होती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया हाल ही नवनियुक्त दौसा जिला कलक्टर अशफाक हुसैन की बेटी फराह हुसैन ने। 26 वर्षीय फराह ने बिना किसी कोचिंग के सहारे खुद की मेहनत के दम पर इंटरनेट को आधार बनाकर संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा में पहले ही प्रयास में 267 वीं रैंक हासिल कर यह सफलता प्राप्त की है।
खबर मिलते ही लगा बधाइयों का तांता
फराह ने अभी आरएएस मुख्य परीक्षा भी दी है। खबर सुनते ही कलक्टर के बंगले पर शुभचिंतकों की ओर से बधाइयों का तांता लगा रहा। जयपुर सहित दूर दूर से मित्रों, रिश्तेदारों ने फराह को मालाएं पहना, मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की।
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मां ने दी सबसे पहले खुशखबर
फराह ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि वह मंगलवार दोपहर को कम्प्यूटर पर रिजल्ट की साइट देखने के बाद सो गई थी। बाद में उनकी मां ने सबसे पहले यह खुशखबर दी।
रोजाना 10 से 15 घंटे की पढ़ाई
फराह ने बताया कि वह नियमित 10 से 15 घंटे पढ़ाई करती थी। लॉ विषय लिया। कोचिंग भी ज्वाइन की, लेकिन एक माह बाद लगा कि वहां समय खराब करना है। तैयारी का आधार इंटरनेट रहा। हरेक लेटेस्ट जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है।
पारिवारिक माहौल मददगार रहा
उन्होंने बताया कि तैयारी में परिवार का भी बहुत सपोर्ट रहा। परिवार में पिता कलक्टर हैं, अन्य भी कई रिश्तेदार बड़े ओहदे पर हैं। ऐसे में पारिवारिक माहौल बहुत अच्छा मिला।
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Published on:
10 May 2016 11:27 pm
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