2021 में बने आईआईएस, अब होंगे आईएएस
जयपुर के मांग्यावास के रहने वाले हर्ष चौधरी पुत्र दीनदयाल चौधरी ने भी यूपीएससी में 254वीं रैंक हासिल की है। यूं तो 2021 में यूपीएससी में 528वीं रैंक आई थी, लेकिन आइआइएस सर्विस मिली। जुनून आइएएस बनने का था। हार नहीं मानी, फिर से यूपीएससी का एग्जाम दिया। इस बार तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की। यह कहना मानसरोवर मांग्यावास में रहने वाले हर्ष चौधरी का। उन्होंने यूपीएससी में 254वीं रैंक हासिल की है। हर्ष वर्तमान में आइआइएस सेवा में हैं और दिल्ली में प्रशिक्षण ले रहे हैं। हर्ष के पिता दीनदयाल चौधरी स्कूल चलाते हैं। उनका कहना है कि हर्ष ने कड़ी मेहनत से यह सफलता हासिल की है।
प्रथम प्रयास में हासिल की सफलता
पिंकसिटी निवासी विनायक कुमार ने 180वीं रैंक के साथ यूपीएससी में सफलता हासिल की हैं। उन्होंने हाल ही सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर से एमबीबीएस की है। उन्होंने बताया कि यूपीएससी में सफलता हासिल करने के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रेगुलर आठ से दस घंटे स्टडी की। वे छोटे-छोटे ब्रेक लेकर स्टडी करते थे। कुछ लोगों ने एआइ चैट बॉट का उपयोग करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने उपयोग नहीं किया। विनायक ने प्रथम प्रयास में सफलता हासिल की है। पिता आनंद कुमार आइएएस हैं।
घर से की पढ़ाई, अभी आइपीएस
जोधपुर एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई की। कोरोनाकाल में पीजी करते हुए यूपीएससी देने का विचार आया। उस समय घर से बाहर नहीं निकल सकते थे, तो घर से पढ़ाई की। करीब दो साल बिना कोचिंग पढ़ाई की और इस बार यूपीएससी में 87वीं रैंक हासिल की है। यह कहना है कि अजय सिंह राठौड़ का। अजय वर्तमान में आइपीएस हैं और हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं। राठौड़ के पिता कैलाश सिंह राठौड़ एडवोकेट हैं। उन्होंने बताया कि आइपीएस में सलेक्शन होने के बाद फिर से अजय ने कड़ी मेहनत कर सफलता हासिल की है।